ऑफ द रिकॉर्डः शरद पवार का यू-टर्न

Wednesday, Mar 13, 2019 - 05:00 AM (IST)

नेशनल डेस्कः बदले हुए राजनीतिक परिदृश्य और जमीनी हकीकत के चलते वरिष्ठ नेता शरद पवार ने अब यू-टर्न ले लिया है। पिछले दिनों जब पवार ने कहा कि वह माढा से लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे तो उन्होंने शायद भाजपा नेताओं को यह संकेत दिया था कि वह अब प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की दौड़ में नहीं हैं।

पवार विपक्ष की एकता के सूत्रधार रहे हैं। इसके लिए उन्होंने डिनर डिप्लोमेसी के साथ-साथ जो भी संभव हुआ वह किया। राहुल गांधी को भी यह उत्सुकता हो गई थी कि कहीं वह विपक्षी खेमे के सबसे बड़े नेता न बन जाएं। वास्तव में विपक्ष में पी.एम. पद के कई उम्मीदवारों की दावेदारी के बीच पवार धीरे-धीरे अपनी जगह बना रहे थे।

कोलकाता रैली में एच.डी. देवेगौड़ा ने कहा था कि ममता बनर्जी इस पद के लिए सर्वथा उपयुक्त हैं और वह देश का नेतृत्व कर सकती हैं। इसके बाद ममता की भी इच्छा प्रबल हो गई और सांकेतिक रूप से उसने भी पूछना शुरू कर दिया कि वह इस पद के लिए उपयुक्त क्यों नहीं हैं। इसके साथ-साथ मुलायम, मायावती के अरमान भी पी.एम. बनने के लिए मचलने शुरू हो गए। लेकिन शरद पवार ने यहां समझदारी दिखाते हुए यह अच्छे से भांप लिया कि सर्जिकल व एयर स्ट्राइक के बाद खेल हाथ से निकल चुका है।

78 वर्षीय पूर्व केन्द्रीय मंत्री जो 2012 से चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, ने पिछले महीने यह कह कर हलचल मचा दी कि वह माढा सीट से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने वर्तमान सांसद पाटिल को सीट छोडऩे को भी कह दिया था, लेकिन अमित शाह के बयान के बाद जिसमें उन्होंने एक रैली में कहा था कि चाहे जो हो जाए वह बारामती सीट को जीत कर ही दम लेंगे, से माहौल बदल गया है।

Pardeep

Advertising