ऑफ द रिकॉर्डः  राष्ट्रपति द्वारा असाधारण शक्ति का इस्तेमाल

Tuesday, Sep 24, 2019 - 04:32 AM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री जब से केंद्रीय राजनीति में आए हैं तब से वह अपने दोस्तों व दुश्मनों को गाहे-बगाहे अपने फैसलों से चौंकाते रहते हैं। ऐसा ही एक वाक्या शुक्रवार सुबह तब घटा जब उन्होंने अपने साथी मंत्रियों को तब चौंकाया जब राष्ट्रपति ने कर कानून अध्यादेश 2019 को प्रवर्तित किया पर हैरत की बात यह थी कि इस संदर्भ में कोई भी कैबिनेट बैठक नहीं हुई और राष्ट्रपति ने अध्यादेश जारी कर दिया। यह सब देख कर कई मंत्री चौंक गए। 

नवम्बर 2016 में मोदी ने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी जब उन्होंने नोटबंदी का फैसला लिया था। उस बैठक में सभी मंत्रियों को बता दिया गया कि नोटबंदी का फैसला ले लिया गया है और आप अधिक जानकारी के लिए टी.वी. देखिए। इस संबंध में इसके अतिरिक्त किसी के पास भी कोई जानकारी नहीं थी। टी.वी. पर घोषणा के बाद मोदी वापस आए और बैठक खत्म हो गई लेकिन शुक्रवार को तो इससे भी ज्यादा बुरा हुआ। मोदी ने स्वयं ही आयकर एक्ट में संशोधन का फैसला लिया और राष्ट्रपति से अध्यादेश पर हस्ताक्षर करने की सिफारिश कर दी। 

ऐसा कई दशकों में पहली बार हुआ है जब राष्ट्रपति ने बिना कैबिनेट की मंजूरी के अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल कर अध्यादेश को प्रवर्तित कर दिया। इस संबंध में पहले भी कई अवसरों पर ऐसा हुआ जब संसद में सहमति न बनने पर वित्त विधेयक को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए भेजा गया और उन्होंने उस पर हस्ताक्षर भी कर दिए। यद्यपि बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई थी लेकिन मोदी ने गुरुवार शाम को निवेश को बढ़ाने के लिए कॉर्पोरेट टैक्स एक्ट को संशोधित कर शुक्रवार सुबह उसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया ताकि कोविंद उनके अमरीका जाने से पहले ही इस पर हस्ताक्षर कर दें। 

Pardeep

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