ऑफ द रिकॉर्ड: मोदी-शाह की रणनीति से विपक्ष हक्का-बक्का

Saturday, Jul 20, 2019 - 06:07 AM (IST)

नेशनल डेस्क: आजकल विपक्ष भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्यसभा में बहुमत का जुगाड़ करने के नए स्टाइल का अनुभव कर रहा है। 

सामान्य तौर पर राज्यसभा में बहुमत हासिल करने के लिए भाजपा को 2022 तक इंतजार करना पड़ता लेकिन मोदी-शाह की टीम ने समय से पहले बहुमत हासिल करने के लिए नया तरीका ईजाद किया। उसने इनैलो के एकमात्र सांसद तथा टी.डी.पी. के 6 में से 4 सांसदों को दल-बदल करवाकर भाजपा में शामिल करवा लिया। अब उसकी नजर जनता दल (एस) के एकमात्र सांसद पर है। इसके अलावा भाजपा ने समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर को इस्तीफा देने के लिए प्रोत्साहित किया जिसे अब भाजपा के टिकट पर दोबारा चुना जाएगा। 

इसके अलावा भाजपा 2 और सपा सांसदों तथा एक बसपा सांसद से पार्टी को छुड़वाना चाहती है। सपा और बसपा के सांसद अलग-अलग समय में पार्टी छोड़ेंगे ताकि उनकी सीटों के लिए अलग-अलग उपचुनाव करवाए जा सकें। ये सांसद नवम्बर 2020 में रिटायर होने वाले हैं इसलिए भाजपा ने उन्हें संकेत दिया है कि वह उन्हें पुन: नामित करेगी। 

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश, असम, बिहार, महाराष्ट्र तथा अन्य राज्यों में भी विपक्षी सांसदों को अपनी पार्टियां छोडऩे तथा भाजपा में शामिल होने के लिए मनाने के प्रयास जारी हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद इन लोगों को दोबारा राज्यसभा भेजा जाएगा ताकि पार्टी के लिए विधेयकों को पास करवाना आसान हो जाए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि संसद के मानसून सत्र की अवधि बढ़ाई जा सकती है। 

यह इस बात का संकेत है कि पार्टी के पास कोई एजैंडा है जिसके लिए राजनीतिक प्रबंधन किया जा रहा है। भाजपा इसी वर्ष राज्यसभा में 100 सीटों का आंकड़ा पार करना चाहती है ताकि उसे कांग्रेस के विरोध के बावजूद विधेयकों को पास करवाने में कोई दिक्कत पेश न आए। इसके सहयोगियों तथा समर्थकों की संंख्या 24 है जिनमें से 3 नामित और 4 आजाद हैं। 13 सदस्यीय ए.आई.ए.डी.एम.के. भी विस्तृत एन.डी.ए. परिवार का हिस्सा है जिसका कुल संख्या बल 240 सदस्यों के सदन में 116 है। उच्च सदन में 5 सीटें खाली हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि मार्च 2020 तक भाजपा प्रभावी स्थिति में होगी।

Pardeep

Advertising