ऑफ द रिकॉर्ड: लोकसभा में 4 गुटों में बंटा विपक्ष
Wednesday, Jun 19, 2019 - 05:27 AM (IST)
नेशनल डेस्क: विपक्ष ने अभी भी कोई सबक नहीं सीखा है और संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सामना करने को लेकर वह बंटा हुआ है। अगर रिपोर्टों पर यकीन किया जाए तो लोकसभा में 150 सदस्यों वाला विपक्ष 4 गुटों में बंटा हुआ है और कोई भी एक-दूसरे से बात नहीं करना चाहता। जहां कांग्रेस अब तक लोकसभा चुनाव में लगे झटके से उबर रही है, वहीं यू.पी.ए. की सहयोगी पार्टियां जैसे कि डी.एम.के., एन.सी.पी., टी.डी.पी., आई.यू.एम.एल., के.सी. (एम) भी व्याकुल हैं।
तृणमूल कांग्रेस के 22 सांसद अपने तरीके से काम कर रहे हैं और किसी भी विपक्षी पार्टी से कोई लेना-देना नहीं रखना चाहते। बहुजन समाज पार्टी की मायावती दूसरों से दूरी बनाए हुए है और यही हाल पार्टी के एक अन्य नेता दानिश अली का है। वाई.एस.आर. कांग्रेस की एन.डी.ए. और टी.आर.एस. से दोस्ती है। इसलिए वह भी विपक्षी पार्टियों से दूरी बनाए हुए है। 5 सांसदों वाली समाजवादी पार्टी जिसका नेतृत्व अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव कर रहे हैं, एक तरह से आइसोलेशन चैंबर में है। यही हाल ओडिशा के बीजू जनता दल का है।
भले ही भाजपा का प्रमुख निशाना टी.एम.सी. है लेकिन निहित अंतर्विरोध के चलते कांग्रेस उसका साथ नहीं देगी। वामदलों के लोकसभा में केवल 6 सदस्य हैं। बंटे हुए विपक्ष को संसद में बजट सत्र के लिए अभी अपनी रणनीति बनानी है। यह स्थिति भाजपा के लिए बहुत अच्छी है जोकि समर्थन के लिए अपने सहयोगियों पर निर्भर नहीं है। वह सरकार में शामिल होने से इंकार करने वाली जनता दल (यू) को भी मनाने के मूड में नहीं है।