ऑफ द रिकार्ड: मोदी का खान मार्केट गैंग

Saturday, May 18, 2019 - 08:40 AM (IST)

नेशनल डेस्क: जब से मोदी ने यह व्यंग्यपूर्ण कमैंट किया है कि खान मार्केट गैंग उनके खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है, तब से खान मार्केट स्थित 500 दुकानों व ढाबों में हैरत भरी चुप्पी पसर गई है। वहां के दुकानदार इस बात को लेकर हैरान हैं कि मोदी ने उन्हें हटाने के लिए साजिश रचने वालों पर निशाना साधने हेतु खान मार्केट को ही क्यों चुना? इससे पहले वह अक्सर दिल्ली वाले लुटियंस पर हमला बोलते थे लेकिन इस बार उन्होंने खान मार्केट गैंग को चुना है। 

उनके कमैंट के बाद खान मार्केट एसोसिएशन ने दो दिन पहले एक आपातकालीन बैठक बुलाकर सभी सदस्यों को निर्देश दिया था कि पी.एम. की इस टिप्पणी पर कोई भी अपना बयान न दें। इसके अलावा एसोसिएशन ने सदस्यों को यह भी आदेश दिया है कि यहां आने वाले लोगों व दुकानदारों से इस विषय पर कुछ बात न करें। एसोसिएशन के प्रधान संजीव मेहरा ने इस बात की पुष्टि की कि हाल ही में उनकी एक बैठक हुई है लेकिन उन्होंने इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं बोला। 

सूत्रों की मानें तो लाल कृष्ण अडवानी अक्सर खान मार्केट में किताबें खरीदने के लिए आते थे लेकिन अब लंबे अर्से से नहीं आ रहे हैं जबकि गांधी परिवार भी यहां खरीदारी और भोजन के लिए आता रहता है।

कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी कभी-कभार बच्चों के लिए कुछ खरीदारी के लिए यहां आती रहती हैं। आज की डेट में पहली मंजिल पर स्थित अधिकांश भोजनालय बहुत पहले सील किए जा चुके हैं। गौरतलब है कि इस बाजार की स्थापना 1951 में हुई थी। इसका नामकरण स्वतंत्रता सेनानी खान अब्दुल जब्बार खान के भाई खान अब्दुल गफ्फार खान के नाम पर पड़ा था। 

Pardeep

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