ऑफ द रिकार्ड: मोदी ने तोड़ी एक और परम्परा

Saturday, Jan 12, 2019 - 10:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: मोदी ने एक बार फिर एक स्थापित परम्परा को तोड़ दिया है। वह स्थापित परंपराओं को तोडऩे के लिए मशहूर भी हैं। मोदी सरकार का बजट सत्र 31 जनवरी से दोनों सदनों के संयुक्त अधिवेशन में राष्ट्रपति के अभिभाषण से शुरू होगा। यह कई दशकों में पहली बार होगा जब राष्ट्रपति एक साल में ही 2 बार संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे। 

आम तौर पर राष्ट्रपति दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को साल में एक बार ही संबोधित करते हैं लेकिन जब 2019 में राष्ट्रपति 31 जनवरी को संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे तो वह लम्हा यादगार बन जाएगा। उसके अगले दिन अंतरिम बजट पेश किया जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति संयुक्त अधिवेशन को तब संबोधित करेंगे जब जून-जुलाई में 17वीं लोकसभा का गठन होगा। 

सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण से जुड़े संविधान संशोधन बिल को पास करवाने के बाद सरकार ने अचानक ही लोकसभा को स्थगित कर दिया। हालांकि सरकार का यह कदम पहले के सम्मेलनों व रीतियों के समकालीन था। यह फैसला किया गया कि शीतकालीन सत्र 8 जनवरी को स्थगित होगा और फिर दोबारा 31 जनवरी को शुरू होगा। सरकार सत्र का विस्तार नहीं करना चाहती थी। 8 जनवरी की रात को लोकसभा के साथ-साथ राज्यसभा को भी स्थगित कर दिया गया। 

उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो सरकार ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि राज्यसभा में तीन तलाक, इंडियन मैडीकल काऊंसिल बिल, आधार व कई अन्य महत्वपूर्ण बिल राज्यसभा में पारित नहीं हुए। सरकार अब इन विधेयकों को लागू करने के लिए अध्यादेश का सहारा लेगी (सूत्रों की मानें तो अगर संसद का सत्रावसान नहीं होता तो  अध्यादेश जारी नहीं किया जा सकता था।)

Yaspal

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