ऑफ द रिकॉर्डः नाराज कांग्रेसी नेताओं ने अगले सप्ताह बुलाई बैठक

Sunday, Aug 30, 2020 - 03:37 AM (IST)

नई दिल्लीः कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं का समूह बेहद परेशान है, क्योंकि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों पर सोनिया गांधी ने चर्चा नहीं की है। इसके बजाय गांधी ने 10 सदस्यीय समिति गठित करके जले पर नमक छिड़कने का काम किया है। जिसमें से 5 सदस्य लोकसभा व 5 सदस्य राज्यसभा की समिति में नियुक्त किए गए हैं। हालांकि लोकसभा में राहुल गांधी के वफादार लोगों को स्थान दिया गया है। 

वहीं असंतुष्ट शीर्ष नेताओं के करीबीसूत्रों की बात पर विश्वास किया जाए तो वे नई रणनीति तैयार करेंगे ताकि नेतृत्व पर दबाव बनाकर तत्काल कदम उठाए जा सकें। सितम्बर के मध्य से शुरू होकर 1 अक्तूबर तक जारी रहने वाले आगामी संसद सत्र से असंतुष्टों को शांत करने का अवसर मिलेगा। असंतुष्टों ने एक कोर समूह का गठन किया है, जिसमें गुलाम नबी आज़ाद, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कपिल सिब्बल और मनीष तिवारी शामिल हैं, जो अपने मिशन में दैनिक आधार पर बातचीत करेंगे कि कांग्रेस को कैसे ‘सुधारा और पुनर्जीवित’ किया जाए। 

वे अगले हफ्ते की शुरूआत में रात्रिभोज पर बैठक करेंगे। इस दौरान कार्य को पूरा करने पर चर्चा होगी। ये नेता इस बात से भी नाराज हैं कि लोकसभा के एक जूनियर सदस्य गौरव गोगोई को मनीष तिवारी या शशि थरूर की अनदेखी कर लोकसभा में विपक्ष के उप-नेता के रूप में पदोन्नत किया गया है, जबकि उन्हें 5 सदस्यीय समिति में भी शामिल नहीं किया गया। 23 नेताओं के समूह ने कहा कि 2 समितियों के गठन के बाद पहली कार्रवाई से हम निराश हैं। हम देखेंगे कि राहुल गांधी के दैनिक ट्वीट से पार्टी चलती है या जमीन पर कार्रवाई करने से चलती है। 

हम यह भी देखना चाहते हैं कि क्या कोई नेता ए.आई.सी.सी. के द्वार खोलता है, जिसमें दैनिक आधार पर कार्यकत्र्ता नेताओं से संपर्क कर सकते हैं। वहीं गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल ने दबाव बढ़ाने के लिए पै्रस को साक्षात्कार दिए हैं। आनंद शर्मा जिन्होंने 5 पन्नों के पत्र का मसौदा तैयार किया था, खुले में बाहर आने से इंकार कर रहे हैं, हालांकि वह उनमें से सबसे मुखर हैं। जिसमें लिखा कि राहुल गांधी अपने दैनिक ट्वीट जारी रखे हुए हैं और मैं आपको बता सकता हूं कि ये ट्वीट पार्टी को पुनर्जीवित नहीं कर सकते हैं।

Pardeep

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