ऑफ द रिकॉर्ड: क्या अमित शाह नंबर-2 हैं या इससे भी ऊपर

Wednesday, Jun 05, 2019 - 05:21 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अजीत डोभाल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बनने के साथ ही उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी दिया गया। इसके बाद जब वह जश्न मना रहे थे तो उसी दौरान उन्हें अमित शाह के मंत्रालय से फोन आया और उन्हें कहा गया कि सर, गृह मंत्रालय ने अपने नॉर्थ ब्लाक स्थित कार्यालय में बैठक बुलाई है। डोभाल जिन्हें अपने ही कमरे में रॉ, आई.बी. व अन्य सुरक्षा एजैंसियों से जुड़े अधिकारियों की बैठक बुलाने की आदत थी और वे सब उनके कमरे में करीब 10 बजे ही हर दिन उपस्थित हो जाते थे, को अब गृह मंत्री को सूचनाओं से अवगत करवाने के लिए गृह मंत्रालय जाना पड़ेगा। 

अभी यह बात स्पष्ट नहीं हो पाई है कि यह हर दिन होगा या नहीं लेकिन अब आई.बी. चीफ राजीव जैन अजीत डोभाल को रिपोर्ट नहीं करेंगे। साथ ही आई.बी. अब बहुत ही प्रभावशाली तरीके से गृह मंत्रालय के अधीन रहेगी। अमित शाह से पहले राजनाथ एन.एस.ए. के समक्ष पूरी तरह से समर्पण कर चुके थे लेकिन अमित शाह ने पहले ही दिन जता दिया है कि अब सब बदलेगा। पहले डोभाल सभी पुलिस और सुरक्षा एजैंसियों के निर्विवाद रूप से अप्रत्यक्ष बोस थे और राजनाथ दूसरे नंबर पर लेकिन शाह के आने के बाद अब पूरी कार्य संस्कृति में बदलाव आ गया है। 

पहले पी.एम. भी साफ तौर पर डोभाल के साथ खड़े रहते थे लेकिन अब राजधानी के राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा है कि मोदी के बाद राजनीतिक शक्ति का वास्तविक केंद्र अमित शाह हैं। यह बात अलग है कि पिछले कार्यकाल में राजनाथ भी दूसरे नंबर पर थे लेकिन उनके पास फैसला लेने की शक्ति नहीं थी। इसके साथ ही मंत्रालय का दूसरा आदेश था कि अमित शाह जम्मू-कश्मीर के मामलों के मंत्री के रूप में जम्मू और कश्मीर के पुन: परिसीमन के संदर्भ में होने वाली बैठक की अगुवाई करेंगे। तो क्या अब यह समझा जाए कि शाह जम्मू-कश्मीर से जुड़ी नीतियों का पुनर्निर्धारण करेंगे। इससे पहले राष्ट्रीय तकनीकी शोध संस्थान के डायरैक्टर जनरल एस.सी. झा ने भी शाह से लंबी बैठक की थी। 

गौरतलब है कि एन.टी.आर.ओ. पहले अपनी रिपोर्ट एन.एस.ए. को सौंपता था लेकिन अब यह संस्थान भी अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को दे रहा है इसलिए अब यह सवाल उठने लगा है कि अमित शाह नंबर-2 हैं या इससे भी ऊपर।

Pardeep

Advertising