ऑफ द रिकॉर्डः ‘अधीर रंजन को 2 दशक बाद भगवान ने छप्पर फाड़कर दिया’

Thursday, Nov 19, 2020 - 05:10 AM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी के संपूर्ण राजनीतिक जीवन में इतने अच्छे दिन कभी नहीं आए थे। वह 5वीं बार लोकसभा सांसद बने हैं। उनके अलावा कांग्रेस से केेवल सोनिया गांधी और कर्नाटक से एक अन्य सांसद हैं जिन्होंने 5 लोकसभा चुनाव जीते हैं। इसके बावजूद अधीर रंजन कभी पहली पंक्ति के नेता नहीं रहे तथा सदन में भी उनकी पहचान कम रही है। 

2019 के लोकसभा चुनाव में मल्लिकार्जुन खडग़े की चौंकाने वाली पराजय के बाद जब सोनिया गांधी ने उन्हें लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने के लिए चुना तो अचानक उनका नाम चमक उठा। हालांकि वह नेता विपक्ष नामित नहीं किए गए थे, फिर भी उन्हें शक्तिशाली मानी जाने वाली पब्लिक अकाऊंट्स कमेटी (पी.ए.सी.) का अध्यक्ष भी बना दिया गया था। यहां तक कि उन्होंने सोनिया गांधी की अनुपस्थिति में कांग्रेस संसदीय दल के पूर्णाधिवेशन की अध्यक्षता भी की, हालांकि उनसे काफी वरिष्ठ गुलाम नबी आजाद वहीं मौजूद थे। 

आजाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं और 1984 से संसद में हैं। यह पार्टी में आजाद की गिरती कीमत का एक और संकेत था। जो भी हो, गुलाम नबी आजाद अगली फरवरी तक राज्यसभा से बाहर आ जाएंगे और उसके बाद अब जम्मू-कश्मीर के लिए द्विवार्षिक चुनाव भी नहीं होंगे। जैसे यह काफी न हो, अधीर रंजन को साऊथ एवेन्यू में एक नया बंगला भी मिला हुआ है जो किसी महल से कम नहीं है। यह बंगला गुलाम नबी आजाद के आवास के बिल्कुल सामने है। 

कहा जा सकता है कि ‘भगवान देता है तो छप्पर फाड़कर देता है।’ अधीर रंजन को पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाकर एक अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है। 2 दशकों के बाद देवता सचमुच अधीर रंजन पर प्रसन्न हैं। अब वह कांग्रेस के बागियों के ग्रुप-23 से दो-दो हाथ करने के लिए अग्रिम पंक्ति में हैं और इस प्रकार उन पर गांधी परिवार की मेहरबानी हो रही है।  

Pardeep

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