जज्बे को सलाम: गले तक पानी में तैरकर रोज बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाती है ये टीचर

Friday, Sep 13, 2019 - 11:17 AM (IST)

नई दिल्ली: मंजिलें उन्हीं को मिलती हैं जिनके सपनों में जान होती है, पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है। यह पंक्तियां 49 साल की टीचर बिनोदिनी सामल पर पूरी तरह सटीक बैठती है जो कि गले तक पानी में तैरकर बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल जाती है। मामला ओडि़शा का है।



जानकारी मुताबिक बिनोदिनी सामल स्कूल पहुंचने के लिए नदी पार करती हैं, वह भी गर्दन तक पानी में उतरकर। रोजाना भीगने के कारण वह कई बार बीमार हुईं, लेकिन छुट्टी नहीं ली। सापुआ नदी में बारिश के दिनों में पानी बढ़ जाता है। इस नदी को पार करने के लिए कोई पुल नहीं है। बरसों पहले 40 मीटर का एक पुल बनाने की बात हुई थी लेकिन अभी तक ये अस्तित्व में नहीं आया। उन्हें मात्र 7000 हजार रुपए महीना वेतन मिलता है। शिक्षा विभाग ने बिनोदिनी की नियुक्ति 2000 में की थी, लेकिन वह इस विद्यालय में 2008 से पढ़ा रही हैं। पिछले 11 साल से स्कूल पहुंचने के लिए उन्हें इसी रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है। 

स्कूल में रखती हैं एक जोड़ी कपड़े
मीडिया से बातचीत के दौरान बिनोदिनी ने बताया कि वह एक जोड़ी कपड़े स्कूल की अलमारी में ही रखती हैं। ताकि नदी से होकर गुजरने के बाद वो अपने गीले कपड़ें बदल सके। बिनोदिनी नदी पार करते वक्त अपने कीमती सामान को प्लास्टिक की थैली में रख लेती है और तैरकर नदी झटपट पार कर लेती है। 


 

Anil dev

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