गंदी जुबान पछाड़ देगी ट्रंप को

Saturday, Jun 18, 2016 - 10:22 AM (IST)

अमरीका के राष्ट्रपति चुनाव पर सारी दुनिया की नजर है। वहां के इतिहास में इस पद के लिए शायद ही कोई ऐसा उम्मीदवार बना हो जिसने अपने प्रतिद्वंद्वियों के चऱित्र को लेकर अश्लीलता और उनके लिए गाली गलौच का इस्तेमाल किया हो। जिस व्यक्ति के हाथों में देश की बागडोर सौंपनी हो। जिसे देश के सर्वोच्च और प्रतिष्ठित पद पर उसे बिठाना हो क्या उससे ऐसी भाषा की अपेक्षा की जा सकती है ? वोटरों को प्रभावित करने के लिए इसे घटिया तरीका ही माना जाएगा।

अमरीकी राष्ट्रपति चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं दोनों उम्मीदवारों ट्रंप और हिलेरी के बीच की चुनावी ही नहीं, जुबानी जंग भी तेज हो रही है। इनमें भारी अंतर इतना है कि डोनाल्ड ट्रंप की भाषा आपत्तिजनक और अशोभनीय होती है, पर हिलेरी क्लिंटन अपना संयम नहीं खो रही हैं। दोनों की रैलियों में एक दूसरे पर तंज जरूर कसे जा रहे हैं। सोशल मीडिया का भी खूब इस्तेमाल किया जा रहा है। सारी मर्यादा को लांघकर ट्रंंप अपनी अश्लीलता से भरी भाषा से बाज नहीं आ रहे हैं। 

इस कुकृत्य में नई पीढ़ी के समर्थक भी कम नहीं हैं। वे उनके कदमों पर चल रहे हैं। चुनावी सभाओं में ट्रंप की इस भाषा से वे खुश हो जाते हैं। हाल में नॉर्थ कैरोलिना में निकाली गई रैली में ट्रंप के समर्थकों ने हिलेरी और मोनिका लेविंस्की से संबंधित भद्दे कमेंट्स वाली टी-शर्ट पहनी हुई थी। इससे जाहिर होता है कि मोनिका और हिलेरी पर कीचड़ उछालने में वे ट्रंप के साथ हैं। फिर भी सवाल है कि इस भाषा के इस्तेमाल से ट्रंप कितने वोटरों को प्रभावित कर पाएंगे ? उन्होंने कई बार हिलेरी को राष्ट्रपति पद के लिए कमजोर, अयोग्य और अक्षम कहा, लेकिन हिलेरी की मजबूत होती स्थिति  लगता है कि कहीं ट्रंप को लेने के देने न पड़ जाएं।

 
विशेषज्ञों का मानना है कि अमरीका में राष्ट्रपति के चुनाव का माहौल बड़ा असभ्य, अश्लील, अत्यधिक भीड़ वाला, नाराजगी से भरा, कहीं-कहीं मूर्खता का प्रदर्शन करने वाला और खतरनाक होता जा रहा है। कई बार तो ऐसा लगता है कि मानो फुटबाल के मैच के दौरान मचने वाला उपद्रव हो रहा हो। 

बीबीसी ने इस पर एक बहस शुरू कर दी है कि भीड़ जमा करने वाले मदारी, स्वार्थी, बक-बक करने, तोड़ फोड़ मचाने वाले और देश के सर्वोच्च कार्यालय में बैठने के लिए उतावले ये तत्व कौन हैं ? क्या ये समझते हैं कि अमरीका के वोटर मूर्ख हैं ? वे आंख मूंद कर अपने वोट का इस्तेमाल कर देंगे। इसका उत्तर कुछ हद तक मिलता है हां। क्योंकि इनमें उन्माद फैलाने वाले भी शामिल हैं। जो समझते हैं कि वे जोर जबरदस्ती करके वे अपनी बात मनवा लेंगे। ये क्या सोचते हैं कि शोर मचाने वालों में अमरीका का राष्ट्रपति बनने के गुण मौजूद हैं। अथवा इसके लिए वे सक्षम हैं। 

क्या वे वॉशिंगटन की मर्यादा को कायम रख पाएंगे ? जेफरसन जैसी बुद्धिमत्ता है उनके पास? लिंकन जैसी नैतिकता और महानता है उनमें? रूसवेल्ट की भांति उनमें निर्भयता है ? क्या उनमें कैनेडी जैसा आकर्षण है ? रीगन की तरह बोलने की शक्ति है ? और तो और जॉर्ज हर्बर्ट वॉकर बुश जैसी सज्जनता है उनमें ? एक  सवाल और... क्या राष्ट्रपति के कार्यालय ने इस महानता के इन गुयाों को कम आंकना शुरू कर दिया है? अथवा राजनीतिज्ञों के व्यक्त्त्वि इतने सिकुड़ गए हैं कि उनमें से कोई भी, यह जो मेला सा लग गया है उसमें होने वाले मुकाबले को जीत ही न पाएं।

भाषा के मुद्दे पर रॉयटर लिखता है कि हिलेरी क्लिंटन वर्ष 2008 में बराम ओबामा से हार गईं थीं। उसका जिक्र करके भी ट्रपं खूब मजाक उड़ाते रहे हैं। वे कहते हैं कि बहस के दौरान क्लिंटन की हालत इतनी खराब हो गई कि उन्हें बीच में बाथरूम जाना पड़ा। इस घटना का वर्णन करते हुए ट्रंप ने सारी मर्यादा लांघ दी थी। हालांकि हिलरेी ने इसका जवाब दिया था, लेकिन उनकी भाषा संयत रही। उनकी आपत्ति रही कि कुछ लोग उनके बारे में भयानक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

रॉयटर के मुताबिक क्लिंटन की कम्युनिकेशन डायरेक्टर जेनिफर पॉमेइरी ने कहा था कि हम ट्रंप को इसका जवाब नहीं दे रहे हैं, लेकिन लोग इस अपमान को समझते हैं। इसने सभी महिलाओं को पीड़ा पहुंचाई है। उस समय यह माना जा रहा था कि अमरीका में यदि तुरंत राष्ट्रपति का चुनाव हो जाए तो डोनाल्उ ट्रंप बुरी तरह हार जाएंगे।  

सभाओं में यह भी देखा गया है कि जब ट्रंप सीधी-सपाट भाषा का इस्तेमाल करते हैं तो उनके समर्थक इसकी प्रशंसा करते हैं। लेकिन भद्दी भाषा पर उतरते ही उनका इरादा बदल जाता है। ट्रंप ने कई बार लैटिन अमरीकी महिलाओं, मुस्लिमों, अप्रवासियों और अपने प्रतिद्वंद्वियों के लिए रूखी और सख्त भाषा का इस्तेमाल किया। यही नहीं, एक बार उन्होंने ट्विटर पर फॉक्स न्यूज की मेगिन कैली के बारे में टेलीविजन पर इंटरव्यू के दौरान किए गए भद्दे मजाक को बताया था। बाद में इसकी काफी आलोचना हुई थी। 

यहां तक कि डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले उम्मीदवार माने गए जिन्होंने महिलाओं के शरीर की बनावट पर भी अपशब्द कहे हैं। मैनचेस्टर में करीब 5000 लोगों को संबोधित करते हुए अपने प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ उसी स्तरहीन भाषा में बोलना शुरू कर दिया। एक महिला की ओर इशारा करके असभ्यता दिखाई जिस पर भीड़ ने खूब चटखारे लिए। बाद में वे सफाई देते रहे यह एक मजाक था, लेकिन माहौल खराब हो चुका था।

कैलिफोर्निया में एक बार ट्रंप ने हिलेरी क्लिंटन पर निशाना साधते हुए उन्हे जेल भेजे जाने की बात कह दी। उनका कहना था कि हिलेरी अपराधी हैं और उन्हें जेल भेजा जाना चाहिए। ट्रंप ने यह बयान क्लिंटन द्वारा ईमेल खातों का दुरुपयोग करने के आरोपों को लेकर लगाया था। कैलिफोर्निया में ही हिलेरी क्लिंटन ने भी जवाब दिया कि ट्रंप में राष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक योग्यताएं ही नहीं हैं। इनके विचार सबसे अलग ही नहीं, बल्कि खतरनाक भी हैं। हिलेरी की ओर से जारी पोस्टर में ट्रंप के लिए जाली, महामूर्ख और असभ्य जैसे विशेषज्ञों का इस्तेमाल किया गया। उन्हें मिस फायर करने वाली तोप तक कहा गया,लेकिन उन्होंने कभी अमर्यादित भाषा का इस्तेमाल नहीं किया।
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