शिक्षकों को गैर-शैक्षिक ड्यूटी पर तैनात करने पर ऐतराज़
punjabkesari.in Saturday, Oct 04, 2025 - 08:07 PM (IST)

चंडीगढ़, 4 अक्टूबरः(अर्चना सेठी) शिक्षा की अहमियत को बनाए रखने की दिशा में निर्णायक कदम उठाते हुए पंजाब के स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने मुख्य सचिव, पंजाब को सरकारी स्कूल शिक्षकों को गैर-शैक्षिक और रूटीन प्रशासनिक ड्यूटी सौंपने को तुरंत बंद करने के निर्देश दिए हैं।
कई जिलों में शिक्षकों को क्लासरूमों से हटाकर रूटीन प्रशासनिक कामों में लगाने की रिपोर्टों पर कड़ा ऐतराज़ जताते हुए शिक्षा मंत्री ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है। उन्होंने इस रिवायत को शिक्षकों और विद्यार्थियों दोनों के साथ घोर अन्याय करार दिया। उन्होंने शिक्षण ड्यूटी को प्राथमिकता देने पर ज़ोर देते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि शिक्षक अपनी मुख्य ज़िम्मेदारी पर ही ध्यान केंद्रित करें।
अपने पत्र में हरजोत सिंह बैंस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि शिक्षक केवल साधारण सरकारी कर्मचारी नहीं हैं - वे ज्ञान और मूल्यों के ध्वजवाहक हैं, जिन्हें पंजाब के भविष्य को दिशा देने की पवित्र ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें कक्षाओं की जगह विभिन्न प्रशासनिक कामों में लगाना न केवल उनके साथ बल्कि हमारे बच्चों के साथ भी अन्याय है। ऐसा करने से बच्चों की शिक्षा का अधिकार प्रभावित होता है।
शिक्षा मंत्री ने दृढ़ता से दोहराया कि बच्चों के मुफ़्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार (आर.टी.ई.) अधिनियम, 2009 की धारा 27 गैर-शैक्षिक उद्देश्यों के लिए शिक्षकों की तैनाती पर रोक लगाती है। यह मनाही केवल कुछ विशेष मौकों जैसे दस-वर्षीय जनगणना, आपदा राहत कार्य और स्थानीय संस्थाओं, राज्य विधानसभाओं या संसदीय चुनावों में ड्यूटी पर लागू नहीं होती। शिक्षा मंत्री बैंस ने बताया कि यह व्यवस्था बहुत सोच-समझकर लागू की गई थी ताकि शिक्षकों का समय और ऊर्जा क्लासरूम शिक्षण पर केंद्रित रह सके, जो हमारे समाज की प्रगति का आधार है।
उन्होंने कहा कि कई बार ज़रूरी सरकारी काम हो सकते हैं, लेकिन ऐसे कार्यों के लिए शिक्षक को पहला विकल्प नहीं माना जाना चाहिए। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि कक्षाओं में उनकी मौजूदगी के साथ किसी भी क़ीमत पर समझौता नहीं होना चाहिए।
इन निर्देशों को लागू करने संबंधी मुख्य सचिव को आदेश देते हुए हरजोत सिंह बैंस ने कहा कि सभी प्रशासनिक विभागों और जिला अधिकारियों को स्पष्ट आदेश जारी किए जाएँ कि आर.टी.ई. अधिनियम, 2009 की धारा 27 में बताई गई ड्यूटी के अलावा शिक्षकों की कोई भी गैर-शैक्षिक ड्यूटी न लगाई जाए। ऐसी कोई भी स्थिति, जहाँ शिक्षकों की तैनाती आवश्यक हो, ऐसी किसी भी तैनाती से पहले स्कूल शिक्षा विभाग से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य किया जाए।
उन्होंने आगे कहा कि पंजाब सरकार का उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता में और सुधार करना है, ताकि राज्य के हर बच्चे के लिए गुणवत्तापूर्ण और निर्बाध शिक्षा के संवैधानिक अधिकार को निरंतर बनाए रखा जा सके