''NTA सभी परीक्षाएं निजी कंपनियों के माध्यम से कराता है'', नीट-यूजी विवाद पर जयराम रमेश

punjabkesari.in Sunday, Jun 30, 2024 - 03:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) सभी परीक्षाएं निजी कंपनियों के माध्यम से आयोजित करती है। उन्होंने कहा कि वे अपनी मांगों को लोकसभा और राज्यसभा में रखेंगे। कांग्रेस नेता ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि यह मुद्दा सिर्फ नीट का नहीं है, बल्कि शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित सभी संस्थानों से संबंधित है। 

उन्होंने कहा, "लोकसभा और राज्यसभा में हम एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) के काम को लेकर अपनी मांग रखेंगे। यह सभी परीक्षाएं निजी कंपनियों के माध्यम से आयोजित करती है। घोटाले कहां हुए हैं? बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश भाजपा शासित राज्य हैं।" उन्होंने एएनआई से कहा, "इस पर चर्चा होगी। हमारे शिक्षा मंत्री पहले कहते हैं, यह एक मामूली मामला है। बाद में वे सीबीआई जांच और उच्च स्तरीय समिति बनाने की बात करते हैं।"

इस्तीफा दें शिक्षा मंत्री- जयराम रमेश 
जयराम रमेश ने कहा, "हम शिक्षा मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यह सिर्फ NEET का मामला नहीं है, यह NET, UGC और NCERT का भी मामला है। यह शिक्षा मंत्रालय द्वारा संचालित सभी संस्थानों से संबंधित है। NTA भी शिक्षा मंत्रालय के अधीन एक संस्थान है, फिर भी यह सारा काम निजी कंपनियों के माध्यम से करवाता है।" केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 23 जून को एनटीए द्वारा नीट-यूजी और यूजीसी-नेट परीक्षाओं के आयोजन में कथित अनियमितताओं को लेकर एक आपराधिक मामला दर्ज किया और मामले की जांच के लिए विशेष टीमों का गठन किया। एजेंसी की प्राथमिकी के अनुसार, 5 मई को आयोजित नीट (यूजी) 2024 परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में कुछ "छिटपुट घटनाएं" हुईं।  

50% की सीमा को हटाया जाए
जयराम रमेश ने बिहार के मुख्यमंत्री और जद (यू) प्रमुख नीतीश कुमार से बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को लेकर पारित प्रस्ताव के संबंध में भी सवाल किया और पूछा कि क्या नीतीश कुमार में राज्य और केंद्रीय मंत्रिमंडल से प्रस्ताव पारित करने का भी वही "साहस" होगा। उन्होंने कहा, "कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि संविधान में संशोधन किया जाए ताकि एससी/एसटी और ओबीसी के आरक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई 50% की सीमा को हटाया जाए। जेडी(यू) इस बारे में कुछ नहीं कहती है।

कहने और करने में बहुत बड़ा अंतर- जयराम 
उन्होंने श्रेणी की स्थिति के बारे में एक प्रस्ताव पारित किया। प्रस्ताव पारित करना बहुत आसान है, लेकिन क्या वे पटना और दिल्ली में अपने सहयोगी भाजपा पर दबाव डालेंगे? क्या मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री से कहेंगे कि हम आपका समर्थन कर रहे हैं, हमें विशेष श्रेणी का दर्जा दें, जाति जनगणना करवाएं और 50% की सीमा हटा दें? वे इस पर चुप हैं। कहना बहुत आसान है लेकिन करना बहुत मुश्किल है, और कहने और करने में बहुत बड़ा अंतर है।"

 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

rajesh kumar

Related News