अब नहीं बच पाएंगे NRI दूल्हे

Thursday, Jul 26, 2018 - 11:12 AM (IST)

नई दिल्ली (सुनील पाण्डेय): देश में शादी करके विदेश भाग जाने वाले एनआरआई दूल्हों को पकडऩे के लिए एक नई पहल शुरू हो रही है। इसके लिए सभी राज्यों के प्रदेश महिला आयोग मिलकर एक कॉमन एजेंडा बनाने जा रहे हैं। इस एजेंडे में भारतीय विदेश मंत्रालय की समूलियत भी होगी, जिसकी बदौलत एनआरआई दूल्हों पर शिकंजा कसा जाएगा। इसको लेकर दिल्ली में 27 जुलाई को राष्ट्रीय कार्यक्रम आयोजित हो रहा है, जिसमें इस अभियान की रूप रेखा तय होगी। इसकी पहल खुद महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर कर रही हैं। हालांकि, एनआरआई दूल्हों का शिकार सबसे ज्यादा पंजाब राज्य है, जहां आज की तारीख में करीब 25 हजार दुल्हनों को आज भी शादी करके विदेश भाग जाने वाले अपने दूल्हों के आने का इंतजार है। पंजाब की तुलना में महाराष्ट्र कुछ भी नहीं है। बावजूद इसके इस समस्या को जड़ से खत्म करने और बेटियों को बचाने की पहल शुरू की गई है। 

दुुल्हनों की समस्या के बनाया जाएगा हेल्प डेस्क
जानकारी के मुताबिक इस अभियान को सफल बनाने के लिए कॉमन एजेंडा बनाया जा रहा है, जिसमें सभी राज्यों के कमीशन, स्थानीय पुलिस को जोड़ा जा रहा है। इसके तहत हर राज्यों में जहां समस्या ज्यादा है, वहां अलग से एनआरआई दुुल्हनों की समस्या के निदान के लिए हेल्प डेस्क बनाया जाएगा। महाराष्ट्र महिला आयोग की अध्यक्ष विजया राहटकर के मुताबिक इस अभियान के लिए विदेश मंत्रालय की पूरी मदद मांगी गई है। क्योंकि, एनआरआई दूल्हे देश छोडऩे के बाद अपना पता और एड्रेस प्रूफ भी बदल देते हैं, जिसके चलते दुल्हनें एवं उनके परिजन खोज नहीं पाते।

विदेश मंत्रालय से लगाई गई गुहार
अगर पुलिसिया कार्रवाई भी करते हैं तो दूल्हों को सम्मन भी नहीं मिल पाता है। इसलिए अब विदेश मंत्रालय से गुहार लगाई गई है कि जिस एनआरआई दूल्हे के खिलाफ कार्रवाई होती है, उसका पूरी जन्म कुंडली विदेश मंत्रालय की वेबसाइड पर लगाएं, ताकि वह जब भी भारत आने की कोशिश करें तो उन्हें पकड़ा जा सके। इसके अलावा पीड़ित लड़कियां अपनी शिकायत सीधे विदेश मंत्रालय को कर सकें, इसके लिए विदेश मंत्रालय में अलग से डेस्क स्थापित होना चाहिए। हालांाकि केंद्र सरकार ने इस तरह के मामलों के लिए एक समिति का गठन पहले ही किया हुआ है। विजया राहटकर के मुताबिक ऐसे एनआरआई पतियों को, जो अपनी पत्नियों को छोड़ कर विदेश भाग जाते हैं, वहां से उन्हें पकड़ कर लाना या उनके खिलाफ कार्रवाई करना बहुत मुश्किल है।

Anil dev

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