असमः 2 करोड़ 89 लाख लोगों को मिली नागरिकता, 40 लाख लोग भारतीय नहीं

Monday, Jul 30, 2018 - 03:29 PM (IST)

गुवाहाटी: राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का बहु-प्रतिक्षित दूसरा एवं आखिरी मसौदा 2.9 करोड़ नामों के साथ आज जारी कर दिया गया है। एनआरसी में शामिल होने के लिए असम में 3.29 करोड़ लोगों ने आवेदन दिया था। भारतीय महापंजीयक शैलेश ने कहा कि इस ऐतिहासिक दस्तावेज में 40.07 लाख आवेदकों को जगह नहीं मिली है। यह ‘ऐतिहासिक दस्तावेज’ असम का निवासी होने का प्रमाण पत्र होगा। एनआरसी का पहला मसौदा 31 दिसंबर और एक जनवरी की दरम्यानी रात जारी किया गया था, जिसमें 1.9 करोड़ लोगों के नाम थे।


शैलेश ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘यह भारत और असम के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। इतने बड़े पैमाने पर कभी ऐसा नहीं हुआ। सीधे सुप्रीम कोर्ट की निगारानी में की गई यह एक कानूनी प्रक्रिया है।’’ उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता, निष्पक्षता और तर्कपूर्ण तरीके से की गई। एनआरसी 25 मार्च 1971 से पहले से असम में निवास करने वाले सभी भारतीय नागरिकों के नाम इस सूची में शामिल करेगी।

अंतिम मसौदे में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए उनपर शैलेश ने कहा, ‘‘मसौदे के संबंध में दावा करने और आपत्ति करने की प्रक्रिया 30 अगस्त से शुरू होगी और 28 सितंबर तक चलेगी। लोगों को आपत्ति जताने की पूर्ण एवं पर्याप्त गुंजाइश दी जाएगी। किसी भी वास्तविक भारतीय नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि एनआरसी की आवेदन प्रक्रिया मई 2015 में शुरू हुई थी और अभी तक पूरे असम से 68.27 लाख परिवारों के द्वारा कुल 6.5 करोड़ दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं।
पुलिस बल की 220 कंपनियां तैनात
असम एवं पड़ोसी राज्यों में सुरक्षा चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए केन्द्र ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 220 कंपनियों को तैनात किया गया है। वहीं इससे पहले रविवार को असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एनआरसी मसौदा जारी होने के मद्देनजर उच्च स्तरीय बैठक की।

Seema Sharma

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