अब निजी क्षेत्र के हाथों में होगा इन यात्री ट्रेनों का संचालन! केंद्र सरकार ने मांगे आवेदन

Thursday, Jul 02, 2020 - 05:45 AM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने 109 मार्गों पर ट्रेनों के परिचालन की पूरी जिम्मेदारी निजी कंपनियों के हाथों में सौंपने की योजना बनाई है और इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसमें ट्रेनों की खरीद, उसके लिए पैसा जुटाने, ट्रेनों के परिचालन एवं रखरखाव की जिम्मेदारी निजी कंपनी की होगी जबकि ड्राइवर और गार्ड रेलवे के होंगे। कंपनी अपने राजस्व में रेलवे को हिस्सेदारी देगी। साथ ही पटरी के इस्तेमाल के लिए भाड़ा और उपभोग के आधार बिजली का शुल्क भी वह रेलवे को देगी। रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन आमंत्रित करने के साथ ही इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

सूत्रों ने बताया कि 12 क्लस्टरों में 109 मार्गों पर ‘अप' और ‘डाउन' मिलाकर 218 ट्रेनों का परिचालन निजी कंपनी को मिलेगा। इसके लिए उन्हें कम से कम 16 कोच वाली 151 आधुनिक ट्रेनें खरीदनी होंगी। इसमें मेक इन इंडिया को प्राथमिकता की शर्त भी होगी। इस पहल से निजी कंपनियों द्वारा 30 हजार करोड़ रुपए के निवेश की उम्मीद है।

भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा वंदे भारत ट्रेनों के परिचालन के सफल प्रयोग के बाद सरकार ने देश के इतिहास में पहली बार ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। निजी कंपनियों को 35 साल के लिए ट्रेनों के परिचालन का अधिकार दिया जायेगा। इन ट्रेनों की अधिकतम गति सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटे होगी। प्रस्थान से गंतव्य के बीच की यात्रा का समय भारतीय रेल द्वारा मौजूदा समय में चलाई जा रही सबसे तेज ट्रेन के बराबर या उससे अधिक होने की शर्त भी रखी गई है। रेलवे को उम्मीद है कि निजी कंपनियों के आने से यात्रा के समय में कमी आएगी।

रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य अत्याधुनिक कोच और इंजन लाकर रखरखाव और यात्रा समय को कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना, सुरक्षा बेहतर करना और यात्रियों को विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करना है। साथ ही इससे मांग और आपूर्ति का अंतर भी कम होगा। निजी कंपनियों को समय की पाबंदी और ट्रेनों के रखरखाव के मामले में अच्छा प्रदर्शन करना होगा। ट्रेनों के परिचालन और रखरखाव में उन्हें रेलवे के मानकों और नियमों का पालन करना होगा।
 

 

Yaspal

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