ऑफ द रिकॉर्डः अब भाजपा में उम्र पर पाबंदी नहीं, मोदी-शाह अंतत: झुके

Thursday, May 31, 2018 - 08:13 AM (IST)

नेशनल डेस्कः विपक्षी दलों की बढ़ रही चुनौतियों और भाजपा के भीतर बढ़ते असंतोष से भयभीत मोदी, अमित शाह की टीम ने पिछले 4 वर्षों से पार्टी में लागू उम्र पर पाबंदी फार्मूला ठंडे बस्ते में डालने का फैसला किया है। अब यह फैसला लिया गया है कि मई, 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के दौरान नेताओं को पार्टी टिकट देते समय उम्र पर कोई पाबंदी नहीं होगी। बताया जाता है कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने हाल ही में अपने ‘मेंटर’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विस्तृत चर्चा की और यह फैसला किया कि 75 वर्ष से अधिक उम्र वाले नेताओं को भी लोकसभा चुनाव लडऩे की अनुमति दी जाए।

शाह ने बाद में पार्टी नेताओं को यह संकेत दिया कि उम्मीदवारों के चयन के लिए केवल एकमात्र मानदंड यह होगा कि वे जीत के दावेदार हों। लोकसभा और राज्यसभा में भाजपा के कम से कम 15 ऐसे नेता हैं जो 75 वर्ष की उम्र को पार कर चुके हैं। इनमें एल.के. अडवानी, एम.एम. जोशी, शांता कुमार, शत्रुघ्न सिन्हा, करिया मुंडा और कुछ अन्य नेता शामिल हैं। भाजपा नेतृत्व ने यह भी सूचित कर दिया है कि ये नेता अगर जीत गए तो इनको प्रमुख पद संभालने से वंचित नहीं किया जाएगा। इस फैसले से लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को बड़ी राहत मिली जो 9 बार सांसद चुनी गईं और 75 वर्ष की होने जा रही हैं।

यद्यपि पार्टी के वयोवृद्ध नेताओं के आर.एस.एस. के साथ संबंध हैं और वे इस बात को लेकर नाराज हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान उनकी उपेक्षा की गई है। मोदी-शाह जोड़ी द्वारा लिए गए इस फैसले का मकसद यह है कि आगामी लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी में और विद्रोह न हो।

Seema Sharma

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