श्रीनगर की मस्जिदों पर गृह मंत्रालय की नजऱ, अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

Monday, Jul 29, 2019 - 03:29 PM (IST)

श्रीनगर (मजीद) : कश्मीर में सुरक्षा के लिहाज से अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती करने के निर्णय के बाद अब श्रीनगर की सभी मस्जिदें भी गृह मंत्रालय के रडार पर आ गई हैं। श्रीनगर के जिला पुलिस मुख्यालय के लेटर हेड पर एसएसपी की तरफ  से इस बारे में श्रीनगर के तमाम पुलिस अधीक्षकों को पत्र जारी किया गया है। एसएसपी की ओर से जारी किए गए पत्र में कहा गया है कि अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली सभी मस्जिदों के बारे में उपयुक्त जानकारी जल्द से जल्द मुहैया कराएं ताकि इसको उच्च स्तर के अमले के पास भेजा जा सके। उल्लेखनीय कि प्रदेश में आतंकी गतिविधियों को रोकने के लिए मोदी सरकार ने यहां अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का निर्णय लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल के जम्मू कश्मीर दौरे से लौटते ही वहां 10 हजार अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने का निर्णय लिया गया है।


बताया जा रहा है कि कुछ जवान कश्मीर में पहुंच भी चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि अतिरिक्त केंद्रीय बलों की तैनाती से कश्मीर में आतंकी नेटवर्क को नेस्तोनाबूत करने की मुहीम मजबूत होगी। इसके साथ ही सूबे में कानून-व्यवस्था को चाक-चौबंद बनाए रखने में सहायता मिलेगी। बताया जा रहा है कि 15 अगस्त तक श्रीनगर में 15, पुलवामा और सोपोर में 10-10, बाकी 10 जिलों में 5-5 कंपनियां तैनात कर दी जाएगी।  इससे पहले बडगाम में रेलवे सुरक्षा बल के एक अधिकारी ने पत्र लिखकर कर्मचारियों से ‘लंबे समय तक’ कश्मीर घाटी में कानून व्यवस्था बिगडऩे की आशंका के कारण राशन जमा करने समेत अन्य कदम उठाने का आह्वान किया। इस पत्र के बाद विभाग में खलबली मच गयी और रेलवे ने शनिवार को स्पष्ट किया कि इस पत्र का कोई आधार नहीं है और इसे जारी करने का संबंधित अधिकारी के पास कोई अधिकार नहीं है।

 

आरपीएफ  बडगाम के सहायक सुरक्षा आयुक्त सुदेश नुग्याल के इस पत्र को व्यापक रूप से सोशल मीडिया पर साझा किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ऐसे पत्र के मंसूबे पर सवाल खड़ा किया है। पत्र में कहा गया है कश्मीर घाटी में लंबे समय तक स्थिति के बिगडऩे की आशंका और कानून व्यवस्था के संबंध में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों और एसएसपी, जीआरपी, एसआईएन, से मिली जानकारी के अनुरूप 27 जुलाई को एहतियात सुरक्षा बैठक हुई।  

Monika Jamwal

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