पिता की जमीन पर अब नहीं होगा भेदभाव, शादीशुदा बेटियों को भी मिलेगा बराबरी का हक; यह राज्य जल्द ही लेगा बड़ा फैसला!

punjabkesari.in Monday, Sep 08, 2025 - 07:32 AM (IST)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की महिलाओं के अधिकारों को लेकर एक बड़ा बदलाव होने वाला है। अब तक शादीशुदा बेटियों को अपने पिता की खेती की जमीन (कृषि भूमि) में हिस्सा नहीं मिलता था, लेकिन अब यह व्यवस्था बदल सकती है। राजस्व परिषद ने इस बदलाव के लिए एक प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे इस महीने सरकार को भेजा जाएगा।

अभी क्या है नियम?
उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-2006 की धारा 108(2) के तहत अगर किसी पुरुष के निधन के बाद उसकी जमीन का नामांतरण किया जाता है, तो वह केवल उसकी विधवा पत्नी, बेटे और अविवाहित बेटियों के नाम पर होता है। शादीशुदा बेटियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाता। इस प्रावधान को लंबे समय से भेदभावपूर्ण माना जा रहा था और इसके संशोधन की मांग उठती रही है।

अब क्या बदलेगा?
सूत्रों के अनुसार, नए प्रस्ताव में 'विवाहित' और 'अविवाहित' जैसे शब्दों को धारा 108 से हटाने का सुझाव दिया गया है। इसका मतलब ये होगा कि शादीशुदा बेटियों को भी पिता की कृषि भूमि में उतना ही अधिकार मिलेगा, जितना बेटों और अविवाहित बेटियों को मिलता है। जमीन की विरासत तय करते समय बेटी की शादी की स्थिति कोई फर्क नहीं डालेगी। मृतक की बहनों को भी बराबरी का हक देने की बात की जा रही है।

अन्य राज्यों में पहले से लागू है ये व्यवस्था
मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में शादीशुदा बेटियों को पहले से ही पिता की खेती की जमीन में बराबर का अधिकार मिलता है।यूपी सरकार का यह कदम भी महिला सशक्तिकरण और लैंगिक समानता की दिशा में माना जा रहा है।

आगे की प्रक्रिया क्या है?
राजस्व परिषद द्वारा तैयार किया गया प्रस्ताव पहले राज्य सरकार (शासन) को भेजा जाएगा। वहां से यह कैबिनेट में जाएगा, फिर विधानसभा और विधान परिषद से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा।

महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
इस बदलाव से शादीशुदा बेटियों को उनके हक का अधिकार मिलेगा, और उन्हें पिता की संपत्ति में सिर्फ शादी की वजह से वंचित नहीं किया जा सकेगा। यह कदम महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और समानता को बढ़ावा देगा।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Editor

Anil Kapoor

Related News