ऑफ द रिकॉर्डः अब सोमवार को राज्यसभा में होगा बड़ा ‘शक्ति प्रदर्शन’

Sunday, Aug 05, 2018 - 09:05 AM (IST)

नेशनल डेस्कः सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी दलों के बीच सोमवार को राज्यसभा में एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है। लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दे पर बेशक विपक्ष बुरी तरह पराजित हुआ मगर राज्यसभा में यह शक्ति प्रदर्शन भाजपा के लिए वाटरलू साबित हो सकता है जहां इसके 2 सदस्य अकेले संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार के खिलाफ मैदान में हैं। एक नाटकीय घटना में 50 सदस्यों वाली कांग्रेस पार्टी ने शक्तिशाली लोक लेखा समिति (पी.ए.सी.) की सदस्यता के लिए तेदेपा के सी.एम. रमेश को समर्थन देने का फैसला किया है। 2 पदों के लिए चुनाव राज्यसभा के कोटे से सोमवार को होगा और भाजपा दोनों सीटों को हथियाना चाहती है और भाजपा ने भूपिन्द्र यादव और जदयू से हरिवंश को मैदान में उतारा है। 244 सदस्यीय सदन में तेदेपा के 6 सांसद हैं मगर कांग्रेस ने सी.एम. रमेश का समर्थन करने का फैसला लिया है।

बेशक तेदेपा उसका सहयोगी दल नहीं है। कांग्रेस के अलावा टी.एम.सी. एन.सी.पी., सपा, बसपा, द्रमुक, इनैलो और अन्य दलों ने भी रमेश को अपना समर्थन देने का फैसला किया है। शिवसेना (3) को छोड़ कर भाजपा के पास 108 सांसदों का समर्थन है। टी.आर.एस. (6) और वाई.एस.आर. कांग्रेस (2) का स्टैंड अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ। अगर वे भाजपा का साथ देते हैं तो सत्तारूढ़ पार्टी को 116 सदस्यों का समर्थन होगा, फिर भी भाजपा के लिए 116 वोटों के समर्थन पर अपने दोनों उम्मीदवारों की जीत यकीनी बनाना एक कठिन काम होगा। संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार सी.एम. रमेश एक सशक्त उम्मीदवार हैं और इन पार्टियों ने अपने सांसदों को निर्देश दिया है कि वे सदन में मौजूद रहें और सोमवार को रमेश के पक्ष में वोट दें। दूसरी तरफ भाजपा दोनों सीटों पर कब्जा जमाने के लिए दृढ़ संकल्प है और उसे बीजू जनता दल का समर्थन मिलने की आस है जिसके 9 सांसद हैं और इस तीखी लड़ाई में वह प्रमुख भूमिका निभा सकता है।

पी.डी.पी. के 2 सांसद भाजपा से नाराज हैं और अगर कोई नाटकीय घटनाक्रम न हुआ तो वे भाजपा के उम्मीदवार के खिलाफ वोट देंगे। ऐसी आशा है कि बीजू जनता दल निष्पक्ष रहेगा या फिर भाजपा उम्मीदवार को वोट देगा। सबसे निर्णायक भूमिका अन्नाद्रमुक की होगी जिसके राज्यसभा में 13 सांसद हैं। अन्नाद्रमुक भाजपा के साथ इस बात को लेकर नाराज है क्योंकि उसके उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम का रक्षामंत्री सीतारमण ने पिछले सप्ताह अपमान किया था।

रक्षामंत्री ने उपमुख्यमंत्री को मिलने का समय दिया था जब वह प्रतिनिधिमंडल लेकर गया तो रक्षामंत्री ने बिना कोई कारण बताए उनसे मिलने से इंकार कर दिया। ऐसी स्थिति में अन्नाद्रमुक ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में महत्वपूर्ण मोटर व्हीकल्स बिल के समर्थन में वोट नहीं दिया था। यह मामला अभी तक सुलझाया नहीं गया मगर भाजपा को आशा है कि वह अन्नाद्रमुक को पार्टी उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने के लिए मना लेगी।

 

Seema Sharma

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