पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने अपनी नेटवर्क का 64% विद्युतीकरण किया
punjabkesari.in Wednesday, Oct 23, 2024 - 02:49 PM (IST)
नेशनल डेस्क : पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर), जो पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल के सात जिलों तथा उत्तर बिहार के पांच जिलों में संचालित होता है, ने अपनी नेटवर्क का 64% विद्युतीकरण पूरा कर लिया है। एनएफआर के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) कपिनजल किशोर शर्मा ने बताया कि अब तक एनएफ रेलवे ने 2708.52 आरकेएम (रूट किलोमीटर) का विद्युतीकरण किया है, जो कि कुल 4260.52 आरकेएम का 64% है।
शर्मा ने बताया कि नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन का लक्ष्य और 100% विद्युतीकरण के उद्देश्य से, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे सभी अनविद्युतीकृत चौड़ी गेज मार्गों का विद्युतीकरण तेज कर रहा है। आठ पूर्वोत्तर राज्यों में अब तक 1524.71 आरकेएम विद्युतीकरण किया गया है। पूर्वोत्तर क्षेत्र में विद्युतीकृत मार्गों में असम में 1353.231 आरकेएम, मणिपुर में 2.81 आरकेएम, मेघालय में 9.58 आरकेएम, नागालैंड में 6.00 आरकेएम और त्रिपुरा में 151.59 आरकेएम शामिल हैं। इसके अलावा, बिहार में 318.869 आरकेएम और पश्चिम बंगाल में 864.94 आरकेएम का विद्युतीकरण किया गया है।
इस अधिकारी ने कहा कि भारतीय रेलवे अपने मिशन के तहत दुनिया की सबसे बड़ी "हरी रेलवे" बनने की दिशा में बढ़ रहा है। विद्युतीकरण का कार्य भारतीय रेलवे निर्माण अंतर्राष्ट्रीय लिमिटेड (IRCON), रेल इंडिया तकनीकी और आर्थिक सेवा (RITES) और एनएफआर/निर्माण द्वारा विभिन्न खंडों में चरणबद्ध तरीके से किया जा रहा है।
सीपीआरओ ने बताया कि विद्युतीकरण ट्रेन की गति को सुधारने और पूर्वोत्तर राज्यों में रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने में मदद करेगा, जिससे पर्यावरण के अनुकूल, तेज़ और ऊर्जा-कुशल परिवहन मिलेगा। इसके साथ ही, प्रदूषण में कमी और आयातित कच्चे तेल पर निर्भरता भी घटेगी, जिससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी। यह ट्रैफिक को सुगम बनाएगा और ट्रेन की औसत गति को बढ़ाएगा, जिससे समय पर चलने में मदद मिलेगी।