अविश्वास प्रस्ताव: विपक्ष के एकजुट होने के बाद भी मोदी सरकार को होगा फायदा!

Friday, Jul 20, 2018 - 10:58 AM (IST)

नई दिल्ली: मोदी सरकार को अपने करीब साढ़े चार साल के कार्यकाल में आज पहली बार विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस को प्रस्ताव पर अपने विचार रखने के लिए 38 मिनट का समय दिया गया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और सदन में पार्टी के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े इस पर बोल सकते हैं। ये पहली बार नहीं है जब विपक्ष मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। इससे पहले बजट सत्र के दौरान भी विपक्ष इसके लिए कोशिश कर चुका है हालांकि तब स्पीकर ने उसे मंजूर नहीं किया था। 


मिल सकता है मोदी सरकार को अविश्वास प्रस्ताव का फायदा
मोदी सरकार खुद चाहती है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। क्योंकि सरकार ने विपक्ष के इस प्रस्ताव की काट ढुंढ ली है। मोदी सरकार चाहती है कि अविश्वास प्रस्ताव जीतकर वो संसद में कार्यवाही सही रुप से चलवाने की अपनी रणनीति पर जीत हासिल कर ले। साथ ही मानसून सत्र में ही तीन तलाक जैसे अहम बिल को पास करवाकर कांग्रेस और दूसरी पार्टियों के मुस्लिम वोट बैंक में थोड़ा विभाजन कर सकें। गौरतलब है कि तीन तलाक मामले में सबसे ज्यादा याचिकर्ता मुस्लिम महिलाएं ही है। बीजेपी का मानना है कि तीन तलाक को अवैध करार करवा कर मुस्लिम महिलाओं को वोट पा सकते हैं। 



अविश्वास प्रस्ताव और लोकसभा का गणित 
लोकसभा में इस वक्त कुल सदस्यों की संख्या 536 है। इन सदस्यों में से दो नामित सदस्य हैं। 9 सीटें खाली है। स्पीकर को हटाने के बाद ये संख्या 535 है। हालांकि बहुमत के लिए 268 सदस्य चाहिए। लोकसभा में फिलहाल बीजेपी के पास कुल 273 स्पीकर को हटाकर का आंकड़ा है। एनडीए के आंकड़े को देखा जाये तो ये 358 तक पहुंच सकता है। सरकार के पास बहुमत है और सरकार को अविश्वास प्रस्ताव के लिए चिंता करना की कोई जरुरत ही नहीं है। 


दलित वोट साधने में लगी बीजेपी 
बीजेपी की नजर दलित वोट बैंक पर भी है। दलित वोट साधने के लिए मोदी सरकार एससी एसटी समुदाय के लिए संविधान में संसोधन विधेयक हायर एजुकेशन कमीशन बिल सरोगेसी बिल, नेशनल मेडिकल कमीशन बिल, पिछड़ा वर्ग आयोग बिल लाकर दलित वोट बैंक अपने पास करने की कोशिश में हैं।  


सोनिया ने किया पर्याप्त मत का दावा
वहीं सोनिया गांधी ने दावा किया है कि उनके पास अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में पर्याप्त मत है। लेकिन विपक्ष भी  इस बात को अच्छे से जानता है कि लोकसभा में  अगर अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो फैसला मोदी सरकार के हक में ही होगा। लेकिन इससे विपक्ष एकजुट जरुर हो जाएगा। विपक्ष चाहता है कि संसद के जरिए वो न केवल मोदी सरकार के वादाखिलाफी की कहानी देशभर को बताए बल्कि गरीबों ,दलितों से हो रहे अन्याय और जुल्म की बातें संसदीय रिकॉर्डिंग में दर्ज कराए। माना जा रहा है कि कहीं ना कहीं इस अविश्वास प्रस्ताव का फायदा बीजेपी को मिल सकता है।  

Anil dev

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