अब सेना के काफिले के दौरान नहीं रोकी जाएंगी एंबूलेंस और स्कूली बसें

Saturday, Mar 16, 2019 - 03:47 PM (IST)

श्रीनगर : बड़े पैमाने पर सार्वजनिक आक्रोश के बीच कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने सेना के काफिलों के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बसों को नहीं रोकने का फैसला किया है। महानिरीक्षक सी.आर.पी.एफ. रविदीप सिंह साही ने कहा कि सुरक्षाबलों ने लोगों के अनुकूल काफिलों की आवाजाही की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि एंबुलेंस या स्कूल बसों को रोकना का कोई सवाल ही नहीं क्योंकि यह एक मानवीय मुद्दा है। 


श्रीनगर आधारित सेना के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि काफिलों की आवाजाही के दौरान स्कूल बसों, एंबुलेंस और आवश्यक सेवा वाहनों को प्राथमिकता दी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों और मरीजों को कोई असुविधा न हो। दक्षिण कश्मीर में पुलवामा जिला के लेथपुरा इलाके में श्रीनगर-जम्मू राष्ट्रीय राजमार्ग पर गत 14 फरवरी को सी.आर.पी.एफ. काफिले पर फिदायीन हमले में 40 जवानों की मौत के एक दिन बाद केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्रीनगर में घोषणा की थी कि सुरक्षाबलों के काफिलों के सुगम संचालन के लिए नागरिक यातायात को रोक दिया जाएगा। उन्होंने स्वीकार किया था कि इस कदम से नागरिकों को असुविधा होगी लेकिन इस संबंध में लोगों से सहयोग की मांग की।  हालांकि, इससे मरीजों और हजारों स्कूली बच्चों को असुविधा होती थी जो कक्षाओं में देरी से पहुंच रहे थे। इस दौरान फैसले के खिलाफ घाटी भर में विरोध शुरु हो गया। 

छात्रों को होती थी असुविधा
काफिलों के दौरान प्रतिबंधों की वजह से छात्रों और मरीजों को असुविधा को दर्शाने वाली घटनाओं पर सोशल मीडिया पर बहस शुरु हो गई। राजमार्गों पर स्कूली बसों और एंबुलेंस के अलावा नागरिक वाहनों को काफिले की आवाजाही के सुगम मार्ग के लिए रोका गया। भीड़भाड़ वाले श्रीनगर शहर में मुद्दा एक प्रमुख विवाद के रुप में सामने आया। सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल हो गए जिसके दौरान काफिलों की रक्षा के लिए तैनात सुरक्षाबलों का स्कूली बसों, एंबुलेंस और नागरिक वाहनों के चालकों के साथ मौखिख रुप से झगड़ें होने लगे। 


नई रणनीति की तलाश में सुरक्षाबल
सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसियां 14 फरवरी के हमले के बाद कार से आत्मघाती हमलों के खतरे से निपटने के लिए नई रणनीति की तलाश में हैं। उन्होंने कहा कि काफिलों की आवाजाही के दौरान छोटे अंतराल के लिए यातायात को रोकने के विकल्पों पर चर्चा की जा रही है और काफिलों के निकट आने से नागरिक वाहनों को रोकने के लिए और अधिक बैरिकेडिंग की जाएगी। यातायात नियंत्रण के अलावा काफिलों के समय में परिवर्तन, उनके पड़ाव स्थानों और अन्य सुरक्षा स्रोतों के साथ समन्वय होगा। 
 

Monika Jamwal

Advertising