बांग्लादेश में गिरफ्तार हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास को नहीं मिली जमानत, मामले पर सुनवाई अगले माह
punjabkesari.in Tuesday, Dec 03, 2024 - 06:46 PM (IST)
Dhaka: हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई वकील उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण उन्हें बांग्लादेश की अदालत से मंगलवार को कोई राहत नहीं मिल सकी और उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई एक महीने के लिए स्थगित कर दी गई। मीडिया रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है। ‘बीडीन्यूज24डॉटकॉम' ने चटगांव मेट्रोपॉलिटन पुलिस के एडीसी (अभियोजन) मोफिजुर रहमान के हवाले से बताया कि मंगलवार को जमानत याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायाधीश ने अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी की तारीख तय की। उसने बताया कि यह एक महीने बाद ही पता चल सकेगा कि दास को उनके खिलाफ दर्ज राजद्रोह के मामले में जमानत मिलेगी या नहीं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उनकी जमानत याचिका पर मंगलवार को चटगांव मेट्रोपॉलिटन सत्र के न्यायाधीश मोहम्मद सैफुल इस्लाम की अदालत में सुनवाई होनी थी लेकिन चिन्मय की ओर से कोई वकील पेश नहीं हुआ। जमानत याचिका पर सुनवाई के मद्देनजर चटगांव अदालत परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी और विभिन्न बलों के सुरक्षा अधिकारियों को बड़ी संख्या में तैनात किया गया था। दास को सुनवाई के लिए अदालत नहीं लाया गया था। चटगांव बार एसोसिएशन के एक नेता और अन्य वकीलों को अदालत परिसर में विरोध मार्च निकालते देखा गया। बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
चटगांव की एक अदालत ने 26 नवंबर को उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह शहर चटगांव में भड़की हिंसा में एक वकील की मौत हो गई थी। दास को जमानत न मिलने के बाद उनके वकीलों ने तुरंत एक पुनरीक्षण याचिका दायर की थी, जिसमें दोबारा सुनवाई की मांग की गई थी लेकिन उस दिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अगस्त में तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद से भारत और बांग्लादेश के संबंधों में तनाव व्याप्त है। भारत ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों, विशेषकर हिंदुओं पर हमलों को लेकर चिंता व्यक्त की है। बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक हमलों में हाल में वृद्धि हुई है।