ऑफ द रिकॉर्डः राम मंदिर ट्रस्ट में नहीं कोई सियासी नेता
Thursday, Feb 06, 2020 - 08:33 AM (IST)
नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को लोकसभा में श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र (ट्रस्ट) के लिए नामों की घोषणा करते समय खुद को इससे अलग रखा है। यह ट्रस्ट सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंदिर निर्माण के कामकाज को देखेगा। ट्रस्ट पूरे 67 एकड़ से अधिक क्षेत्र में राम मंदिर निर्माण तथा अन्य संबंधित मामलों पर स्वतंत्र तौर पर निर्णय लेगा। इसके अलावा यू.पी. सरकार ने मस्जिद के लिए अयोध्या मंदिर के परिसर से लगभग 25 किलोमीटर दूर जगह चिन्हित की है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि मंदिर ट्रस्ट में कोई भी राजनीतिक नेता या पार्टी शामिल नहीं होगी। इस फैसले के चलते एल.के. अडवानी, एम.एम. जोशी, डा. सुब्रह्मण्यम स्वामी, उमा भारती, योगी आदित्यनाथ और अन्य कई लोग अब ट्रस्ट से बाहर ही रहेंगे।
जाहिर है कि प्रधानमंत्री ने अपने आपको इस आधार पर ट्रस्ट से बाहर रखने का फैसला किया है कि वह पदेन सदस्य के तौर पर इसमें रहेंगे और बाद में कोई अन्य पी.एम. उनकी जगह लेगा। इसलिए प्रधानमंत्री या अमित शाह या किसी अन्य भाजपा नेता को ट्रस्ट में शामिल करने का कोई अन्य कारण नहीं है। विश्व हिन्दू परिषद का एक वरिष्ठ नेता तथा निर्मोही अखाड़े का एक सदस्य ट्रस्ट में शामिल होगा। सूत्रों के अनुसार राम जन्म भूमि न्यास की भी इसमें भागीदारी रहेगी। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट बनाने के लिए सरकार को 3 महीने की समय सीमा दी थी जो 9 फरवरी को समाप्त हो रही थी। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब दिल्ली विधानसभा चुनावों के लिए ध्रुवीकरण हेतु चुनाव प्रचार जोरों पर है जिसमें भाजपा और आम आदमी पार्टी शाहीन बाग प्रदर्शन को लेकर एक-दूसरे पर निशाना साध रहे हैं।