जाकिर नाईक के भारत निर्वासन को लेकर कोई औपचारिक पुष्टि नहीं : विदेश मंत्रालय

Wednesday, Jul 04, 2018 - 10:50 PM (IST)

मुंबई : विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाईक ने बुधवार को कहा कि वह तब तक भारत नहीं लौटेगा जब तक उसे ‘ अनुचित अभियोजन ’ से अपनी सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता। नाईक भारत में विभिन्न मामलों में गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहा है।

नाईक को मलेशिया से भारत निर्वासित किए जाने की खबरों के बीच नाईक ने अपने प्रवक्ता के जरिए बयान जारी किया है। नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि नाईक के निर्वासन को लेकर विदेश मंत्रालय को मलेशिया से अब तक कोई औपचारिक पुष्टि प्राप्त नहीं हुई है। विदेश मंत्रालय ने जनवरी में , मलेशिया से नाईक को निर्वासित करने के लिए आधिकारिक अनुरोध किया था। नाईक पर अपने घृणित भाषणों के जरिए युवाओं को आतंकवादी गतिविधियों के लिए उकसाने का आरोप है। इसी सिलसिले में भारतीय एजेंसियों को उसकी तलाश है।

नाईक ने बयान में कहा , ‘मेरे भारत आने की खबर पूरी तरह से बेबुनियाद और झूठी है। मेरी भारत आने की तब तक कोई योजना नहीं है जबतक मुझे अनुचित अभियोजन से सुरक्षा का अहसास नहीं हो जाता। ’ विवादित उपदेशक ने कहा कि जब उसे लगेगा कि सरकार न्यायोचित एवं निष्पक्ष है तब वह अपने वतन जरूर लौटेगा। नाईक भारत में घृणित भाषण देने और धनशोधन समेत विभिन्न मामलों का सामना कर रहा है और गिरफ्तारी से बचने के लिए विदेश में रह रहा है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच बैर बढ़ाने के आरोप में 2016 में 51 वर्षीय नाईक के खिलाफ आतंकवाद रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इस बीच , नाईक का परोक्ष रूप से हवाला देते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने आज कहा कि देश सार्वजनिक जीवन में अहम पदों पर बैठे लोगों पर सवालिया निशान लगने का जोखिम मोल नहीं ले सकता , लेकिन अगर किसी व्यक्ति पर मुकदमा चलाने का आधार नहीं बनता है तो उसके पीछे नहीं पड़े रहना चाहिए। पूर्व कानून मंत्री खुर्शीद ने उन खबरों का स्वागत किया जिनमें कहा गया है कि नाईक स्वदेश लौट सकता है। 

shukdev

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