मुश्किल में फंसे नीतीश के 'पीके'

punjabkesari.in Thursday, Mar 30, 2017 - 03:08 PM (IST)

पटना: नीतीश कुमार के सलाहकार और बिहार विकास मिशन के कर्ताधर्ता प्रशांत किशोर मुश्किलों में फंसते दिख रहे हैं। प्रशांत किशोर कहां हैं ये सवाल भाजपा नेता सुशील मोदी बार-बार नीतीश कुमार से पूछ रहे हैं लेकिन अब इस मामले में एक नया मोड़ आ गया है। बिहार के ही राजेश कुमार जायसवाल नाम के शख्स ने प्रशांत किशोर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में ‘क्यूं वारंटो’ दाखिल किया है। इसमें संविधान की कुछ धाराओं का जिक्र कर ये सवाल उठाया गया है कि प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री के परामर्शी सलाहकार के पद पर क्‍यों बहाल किया गया, और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा क्‍यों दिया गया।

अगर प्रशांत किशोर को ये पद दिया भी गया तो नियम ये कहता है कि अगर 6 महीने तक मंत्री परिषद का कोई सदस्य अगर मंत्रिमंडल के काम में भाग नहीं लेगा तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। राजेश के मुताबिक प्रशांत किशोर जब से बिहार विकास मिशन के कर्ताधर्ता बने हैं और राज्य मंत्री का दर्जा उन्हें मिला है तब से वो एक बार भी मंत्रीपरिषद के किसी भी मीटिंग में शामिल नहीं हुए हैं और ना ही बिहार विकास मिशन के कार्यालय में आए हैं।

क्या होता है क्यों वारंटो
क्यों वारंटो से मतलब ऐसे वारंट से होता है जो कोई भी टैक्स पेयर यानी सरकार को टैक्स देने वाला व्यक्ति हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर सकता है। धारा 32 के तहत राजेश ने ये रिट सुप्रीम कोर्ट में दायर की है। इसमें कार्रवाई संभव है और पीके की नियुक्ति पर सवाल खड़े करते हुए उन पर नोटिस किया जा सकता है।


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