गडकरी की मौजूदगी में संस्कृत वंदना, MDMK ने माफी मांगने को कहा

Monday, Feb 26, 2018 - 07:19 PM (IST)

नेशनल डेस्क: IIT मद्रास में उस वक्त विवाद शुरू हो गया जब दो केंद्रीय मंत्रियों की उपस्थिति में हुए एक कार्यक्रम में संस्कृत वंदना का गायन हुआ। कारण यह है कि राज्य सरकार के कार्यक्रमों में परंपरागत रूप से तमिल वंदना ही गाया जाता है। आईआईटी मद्रास के साथ स्थापित होने वाले बंदरगाहों, जलमार्गों और तटों के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र की स्थापना समारोह में गणमान्य व्यक्तियों के आगमन के तुरंत बाद, दिवंगत कवि मुथुस्वामी दीक्षित द्वारा लिखित ‘महा गणपतिम मानसा स्मरणी’ गीत को छात्रों ने गाया, जिसके बाद ही विवाद शुरू हुआ। हालांकि राज्य सरकार के कार्यक्रमों की शुरूआत केवल कवि मनोमानीम सुंदरम पिल्लई की रचना ‘तमिल थाई वज्थु’ से होती है और कार्यक्रम का अंत राष्ट्र गान के साथ होता है।

नीतिन गडकरी थे मौजूद
सड़क परिवहन और राजमार्ग, जहाजरानी और जल संसाधन केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी और वित्त राज्य मंत्री पोन राधाकृष्णन ने कार्यक्रम में पहुंचे थे। इस बीच एमडीएमके प्रमुख वाइको ने संस्कृत वंदना गाए जाने की आलोचना की और कहा कि किसी कार्यक्रम में संस्कृत को थोपना स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की।

मंत्री मांगे माफी:MDMK
वाइको ने कहा कि दोनों केंद्रीय मंत्रियों को इस घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए। क्योंकि सरकारी कार्यक्रमों में तमिल वंदना की ही परंपरा है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार विभिन्न तरीकों से संस्कृत और हिंदी को थोपने की कोशिश कर रही है।

वंदना गीत चुनने का अधिकार छात्रों को 
कार्यक्रम में मौजूद रहने वाले आईआईटी मद्रास के निदेशक भास्कर रामामूर्ति ने कहा कि संस्थान ने छात्रों को किसी खास गाने को गाने के लिए कोई दिशानिर्देश नहीं जारी किया। उन्होंने कहा कि वंदना गीत को चुनने का काम छात्रों का है और वे ऐसे अवसरों पर उसका गान करते हैं। 

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