राफेल सौदे पर विपक्ष बातचीत का हकदार नहीं: निर्मला सीतारमण

Friday, Sep 14, 2018 - 07:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अरबों डॉलर के राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर विपक्ष से किसी भी तरह की बातचीत की संभावना से इनकार किया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि भारत की रक्षा तैयारियों से जुड़े बेहद संवेदनशील मुद्दे पर आक्षेप लगाने के बाद विपक्ष बातचीत का हकदार नहीं है। सीतारमण ने कहा कि पाकिस्तान और चीन द्वारा स्टेल्थ लड़ाकू विमान शामिल कर अपनी हवाई शक्ति तेजी से बढ़ाए जाने के मद्देनजर सरकार ने आपातकालीन कदम के तहत राफेल लड़ाकू विमानों की केवल दो स्क्वाड्रन खरीदने का फैसला किया। 

देश को किया जा रहा गुमराह 
सीतारमण ने एक साक्षात्कार में कहा कि क्या विपक्ष को बुलाने और सफाई देने का कोई मतलब है? वे देश को ऐसी चीज पर गुमराह कर रहे हैं जो संप्रग सरकार के दौरान हुई ही नहीं थी। आप आरोप लगा रहे हैं और कह रहे हैं कि फर्जीवाड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि राफेल सौदे की तुलना बोफोर्स मुद्दे से बिल्कुल नहीं की जानी चाहिए जैसी कि विपक्ष कोशिश कर रहा है, क्योंकि उन्होंने रक्षा मंत्रालय को बिचौलियों से पूरी तरह मुक्त कर दिया है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल मोदी सरकार पर हमला करते रहे हैं और आरोप लगाते रहे हैं कि वह फ्रांस से 36 लड़ाकू विमान अत्यधिक ऊंचे दामों पर खरीद रही है।     

सीतारमण ने सभी आरोपों को किया खारिज
सीतारमण ने कहा कि संप्रग द्वारा किए गए समझौते की तुलना में राफेल विमान में हथियार प्रणाली, वैमानिकी और अन्य विशिष्टताएं ‘‘अत्यंत उच्च स्तर’’ की होंगी। मोदी सरकार ने 2016 में 58,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ सरकार से सरकार के बीच एक सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि सरकार समझौते से ऑफसेट शर्तों के तहत रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (आर डी एल) को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है। 


देश को पीएम मोदी पर विश्वाश 
रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल निर्माता दसॉल्ट एविएशन द्वारा ऑफसेट भागीदार चुने जाने में सरकार की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा कि ऑफसेट दायित्वों के निर्वहन की प्रक्रिया को जांचने के लिए एक तय प्रक्रिया है। न तो मैं स्वीकार कर सकती हूं, न ही मैं सुझाव दे सकती हूं, न ही मैं किसी के किसी के साथ जाने को खारिज कर सकती हूं। पिछले साल 27 अक्तूबर को दसॉल्ट एविएशन और रिलायंस डिफेंस ने एयरोस्पेस कलपुर्जों के विनिर्माण और राफेल सौदे से जुड़े ऑफसेट दायित्व के निर्वहन के लिए नागपुर के पास एक विनिर्माण प्रतिष्ठान की आधारशिला रखी थी राफेल सौदे में भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि देश के लोगों की निगाह में यह मुद्दा खत्म हो चुका है क्योंकि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विश्वास है।     

vasudha

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