आतंकियों के टच में निर्भया का ''नाबालिग'' दोषी, IB ने जारी किया अलर्ट

Wednesday, Jun 29, 2016 - 09:53 AM (IST)

नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012 के निर्भया कांड के ''नाबालिग'' दोषी को लेकर इंटेलिजेंस ब्यूरो ने नया खुलासा किया है। इंटेलिजेंस ब्यूरो ने अलर्ट जारी किया है कि निर्भया रेप और मर्डर कांड का रिहा हो चुका नाबालिग दोषी आतंकियों के संपर्क में है। एजेंसी को शक है कि ''बालिग'' हो चुके अपराधी के जिहादी लिंक हो सकते हैं। बता दें कि  नाबालिग दोषी को बीते साल दिसंबर में बाल सुधार गृह से रिहा किया गया था। खूफिया एजेंसी ने इस बाबत उत्तर प्रदेश में उसके गृह जिले बदायूं प्रशासन को भी अलर्ट कर दिया गया है।

खुफिया एजेंसी के अधि‍कारी के मुताबिक उन्होंने हाल ही कुछ गतिविधि‍यों को नोटिस किया और स्थानीय प्रशासन को इस बारे में जानकारी दी। आईबी का कहना है कि बाल सुधार गृह में निर्भया का दोषी एक कश्मीरी लड़के के साथ रहता था, जो 2011 के दिल्ली हाई कोर्ट बम धमकों में शामिल था। दोनों करीब एक साल तक एक ही कमरे में रहे थे। बताया जाता है कि इस दौरान कश्मीरी युवक ने उसे कश्मीरियों की समस्या के बारे में बताया था और किस्से सुनाकर कश्मीरियों के हक में आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया था।

दूसरी ओर, आईबी के अलर्ट के बाद बदायूं पुलिस के सीनियर सुप्रीटेंडेंट सुनील सक्सेना कहते हैं, ''इस बारे में कोई खास इनपुट नहीं है, लेकिन जिस भी तरह की मदद की जरूरत होगी, हम मुहैया करवाएंगे। बता दें कि दिसंबर में उसकी रिहाई का यह कहते हुए भी विरोध किया गया था कि वह कट्टर विचारधारा का है। यही नहीं, खुद दोषी ने इस बात की आशंका जाहिर की थी कि अगर उसे रिहा किया जाता है तो उसकी हत्या हो सकती है।

आईबी ने दोषी की रिहाई से पहले अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि कश्मीरी युवक से उसकी नजदीकी इस बात की आशंका को बल देती है‍ कि उसका ब्रेनवॉश किया गया है। यही नहीं, रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दोषी को जिहादियों से जुड़ने और कश्मीरियों के लिए लड़ने को प्रेरित किया गया। हालांकि, इसके बाद गृह मंत्रालय के निर्देश के मुताबिक, दोषी की काउंसलिंग की गई ताकि उसकी कट्टर प्रवृति को खत्म किया जा सके।
 

गौरतलब है कि है निर्भया के इस दोषी को सजा पूरी करने के छह महीने पहले ही रिहा कर दिया गया था। 16 दिसंबर 2012 की रात छह दरिंदों ने राष्ट्रीय राजधानी में निर्भया के साथ चलती बस में गैंगरेप किया था। इस दौरान युवती के साथ बर्बरता की हद तक वहशीपन को अंजाम दिया गया, जिस कारण लंबे इलाज के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सकता था।

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