निर्भया के दरिंदों की फांसी फिर टली,पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनाया फैसला

Friday, Jan 31, 2020 - 05:45 PM (IST)

नई दिल्ली: निर्भया के दोषियों की फांसी फिर अटक गई है। पटियाला हाउसकोर्ट ने चारों आरोपियों की फांसी अगले आदेश तक फांसी पर रोक लगा दी है। ये लगातार दूसरा मौका है जब आरोपियों की फांसी को टाला गया है। पटियाला हाउस कोर्ट में गुरुवार को विनय की ओर से दाखिल याचिका में राष्ट्रपति के पास दया याचिका लंबित होने के आधार पर फांसी पर रोक लगाने की अपील की गई है। उल्लेखनीय है निर्भया मामले के तीन दोषियों की, उन्हें 1 फरवरी को फांसी दिए जाने पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट में फैसला सुनाया। वहीं इससे पहले सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि हम तीन दोषियों को कल फांसी देने के लिए तैयार हैं। जेल के अधिकारियों ने अतिरिक्त सेशन जज धर्मेंद्र राणा के सामने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि फिलहाल दोषी विनय शर्मा की दया याचिका पेंडिंग है बाकि तीन गुनहगारों को फांसी दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि इसमें कुछ गैर कानूनी नहीं है। वहीं इस दौरान वकील वृंदा ग्रोवर ने कोर्ट में तिहाड़ की बात पर विरोध जताया।

कोर्ट ने दोषियों की तरफ से पेश वकील ए पी सिंह को कहा कि हमारे पास वक्त कम है क्योंकि दोषियों को कल फांसी होनी है। कोर्ट ने कहा कि हम आज ही अपना फैसला सुनाएंगे। वहीं इसी बीच दोषी मुकेश की वकील वृंदा ग्रोवर भी कोर्ट में मौजूद रहीं। जिस पर निर्भया के माता-पिता की तरफ से पेश वकील ने आपत्ति जताई। अभियोजन पक्ष के वकील ने कहा जब मुकेश की सभी याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं तो उसकी वकील आज इस सुनवाई में क्यों आईं। दोनों पक्षों के वकीलों की आपसी बहस पर जज ने नाराजगी जताई।

बता दें कि दोषी पवन गुप्ता, विनय कुमार शर्मा और अक्षय कुमार के वकील ए पी सिंह ने अदालत से फांसी पर ‘अनिश्चितकालीन' स्थगन लगाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि दोषियों में कुछ के द्वारा कानूनी उपायों का इस्तेमाल किया जाना बचा हुआ है। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि यह सिलसिला अंतहीन तक चलता रहेगा। दोषी कभी हाईकोर्ट तो कभी सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लगाते ही रहेंगे। बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ब्लैक वारंट जारी किया था जिसमें 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया। अब तक दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी यह अपील खारिज कर दी।

गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में गैंगरेप किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को पीड़िता ने दम तोड़ दिया था। इस मामले को 7 साल हो गए हैं लेकिन निर्भया को अभी इंसाफ नहीं मिला है।

Seema Sharma

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