निर्भया मामलाः विनय के बाद अब मुकेश ने भी दायर की क्यूरेटिव पिटीशन

Thursday, Jan 09, 2020 - 11:21 PM (IST)

नेशनल डेस्कः 2012 में राजधानी दिल्ली के दिल दहला देने वाले निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी से बचने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते हैं। मौत की सजा पा चुके दोषी मुकेश ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव (उपचार) याचिका दाखिल की है। इससे पहले एक और दोषी विनय कुमार शर्मा भी सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल कर चुका है।

विनय भी कर चुका है क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल
4 दोषियों में विनय और मुकेश की ओर से क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई है। विनय की ओर से याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि घटना के समय वह केवल 19 साल का था। युवावस्था और सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि को देखते हुए मामले की गंभीरता कम करने के फैक्टर के रूप में लिया जाना चाहिए।

कोर्ट से राहत दी जाए
विनय ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार और हत्या से जुड़े 17 अन्य मामलों में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला है, जिसमें नाबालिग भी शामिल हैं। इस तरह से विनय को भी राहत दी जानी चाहिए।

वकील एपी सिंह ने कहा कि हमने 2017 में पवन गुप्ता की ओर से दायर SLP की प्रमाणित प्रति के लिए कोर्ट में अर्जी दायर की है। उनका कहना है कि वह सुप्रीम कोर्ट में पवन के वकील नहीं थे। जबकि एक अन्य दोषी अक्षय के लिए, वकील ने कोर्ट की ओर से रिव्यू पिटीशन खारिज होने के आदेश की प्रमाणित प्रति के लिए आवेदन दायर किया है।

पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को चारों दोषियों के लिए फांसी की तारीख 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तय करने के बाद डेथ वॉरंट जारी कर दिया था। हालांकि कोर्ट के फैसले के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे। डेथ वॉरेंट जारी करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट इस फैसले को चुनौती देने के लिए चारों को 7 दिन का वक्त दिया था।

क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में 5 सीनियर मोस्ट जज सुनवाई करेंगे। इस केस को लेकर शुरू से ही मीडिया, जनता और राजनीतिक दबाव था। इस केस की जांच निष्पक्षता के साथ नहीं की गई।

मंगलवार को पटियाला हाउस कोर्ट ने जारी किया डैथ वारंट
साल 2012 के निर्भया गैंगरेप के दोषियों का पटियाला हाउस कोर्ट ने मंगलवार को डेथ वॉरंट जारी कर दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इन चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी दी जाएगी, लेकिन डेथ वॉरंट जारी होने के बाद भी कई तरह की कानूनी प्रक्रियाएं हैं, जिसके जरिए निर्भया गैंगरेप के दोषी फांसी की तारीख आगे बढ़वाने की कोशिश कर सकते हैं।

4 दोषियों में से दोषियों की ओर से आज क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किए जाने के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट इस पिटीशन पर सुनवाई करता है और अगले 12 दिनों के भीतर इस पर फैसला नहीं आता तो फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है।

राष्ट्रपति के पास लंबित है दया याचिका
क्यूरेटिव पिटीशन के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भी इन दोषियों की दया याचिका लंबित है। अगर राष्ट्रपति इन दोषियों की दया याचिका पर शेष 12 दिनों में फैसला नहीं लेते तो भी फांसी की तारीख आगे खिसक सकती है। मर्सी पिटीशन यानी दया याचिका का इस्तेमाल तो इनमें से एक को छोड़कर बाकी तीन ने अभी तक किया ही नहीं है।

क्या है क्यूरेटिव पिटीशन
क्यूरेटिव पिटीशन (उपचार याचिका) पुनर्विचार याचिका से थोड़ा अलग होता है. इसमें फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिन्हित किया जाता है जिसमें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.

Yaspal

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