नौ कस्टमर सैटेलाइट और ईओएस-01 उपग्रह लॉन्च, प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

Saturday, Nov 07, 2020 - 04:58 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत के नवीनतम भू-पर्यवेक्षण उपग्रह ईओएस-01 और ग्राहकों के नौ अन्य उपग्रहों को पीएसएलवी-सी49 ने शनिवार को यहां सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01) ने 26 घंटों की उल्टी गिनती के बाद अपराह्न तीन बजकर 12 मिनट पर यहां सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी। प्रक्षेपण के करीब 20 मिनट बाद यान ने सभी उपग्रहों को एक-एक कर कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया।

इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण का समय पहले तीन बजकर दो मिनट तय किया गया था लेकिन यान के मार्ग में मलबा होने की वजह से इसमें 10 मिनट की देरी की गई। यह इस साल भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का पहला मिशन है। इसरो ने कहा कि ईओएस-01 से कृषि, वानिकी और आपदा प्रबंधन में मदद मिलेगी। ग्राहकों की बात करें तो इनमें लिथुआनिया (1), लक्जमबर्ग (4) और अमेरिका (चार) के उपग्रह शामिल थे।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सफल लॉन्चिंग के लिए इसरो को बधाई दी है। मोदी ने एक ट्वीट में लिखा, 'मैं इसरो और भारत के अंतरिक्ष उद्योग को पीएसएलवी-सी49/ईओएस-01 अभियान की सफल लॉन्चिंग के लिए बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों ने समय सीमा पूरी करने के लिए कई बाधाओं को पार किया।'
 

ईएस-01 एक अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट है। इसका प्रयोग खेती, फॉरेस्ट्री और डिजास्टर मैनेजमेंट सपोर्ट के लिए किया जाएगा। कस्टमर सैटेलाइट्स को कॉमर्शियल एग्रीमेंट के तहत लांच किया जाएगा। यह एग्रीमेंट न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड, डिपॉर्टमेंट ऑफ स्पेस के साथ हुआ है। 

जानिए सैटेलाइट EOS-01 की खासियत

  • सैटेलाइट 'EOS-01', अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट की एक एडवांस्ड सीरीज है।
  • इस सैटेलाइट की मदद से किसी भी मौसम में पृथ्वी पर नजर रखी जा सकेगी।
  • इस सैटेलाइट में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) का इस्तेमाल किया गया है 
  • जो दुश्मन की किसी भी हरकत पर नजर रखने में कारगर साबित होगी।
  • इस सैटेलाइट की मदद से बादलों के बीच भी पृथ्वी पर नजर रखी जा सकती है।
  • इसके साथ ही सैटेलाइट का इस्तेमाल खेती, फॉरेस्ट्री और बाढ़ की स्थिति पर निगरानी रखने जैसे सिविल एप्लिकेशन के लिए भी किया जाएगा। 
     

vasudha

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