DSP दविंदर सिंह समेत चारों आरोपियों को कोर्ट ने 15 दिन की रिमांड पर भेजा

Thursday, Jan 23, 2020 - 05:44 PM (IST)

जम्मू: आतंकवादियों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार जम्मू कश्मीर पुलिस के उपाधीक्षक दविंदर सिंह को गुरुवार को यहां एक विशेष अदालत में पेश किया गया जहां से उसे और चार सह-आरोपियों को 15 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया गया। एनआईए ने सिंह के साथ गिरफ्तार हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी के भाई सैयद इरफान को भी आज गिरफ्तार कर लिया और उसे भी अदालत में पेश किया। 



अधिकारियों ने बताया कि सिंह को उन दो आतंकवादियों के साथ विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया जिन्हें वह जम्मू कश्मीर से बाहर भेजने में मदद कर रहा था। इनके दो सहयोगियों को भी अदालत में पेश किया गया। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने सभी पांच लोगों से पूछताछ के लिए उनकी 15 दिन की हिरासत मांगी। अदालत ने आग्रह स्वीकार कर लिया। आरोपियों को बख्तरबंद वाहन में अदालत लाया गया। उनके चेहरे ढके हुए थे। अदालत परिसर के बाहर कई मीडियाकर्मी मौजूद थे। गत सप्ताहांत जांच अपने हाथ में लेने वाली एनआईए इन लोगों को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम से बुधवार को यहां लेकर आई थी। गिरफ्तारी के बाद दविंदर सिंह को निलंबित किया जा चुका है। 

वहीं बता दें कि हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ पकड़े गए डीएसपी दविंदर सिंह से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की पूछताछ जारी है। इस दौरान पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है। बता दें कि दविंदर सिंह ने आतंकियों को पनाह देने के लिए तीन घर बना रखे थे। इन्हीं तीन घरों में NIA टीम ने श्रीनगर के कई इलाकों में छापेमारी की। फिलहाल NIA टीम के बड़े अधिकारी दिल्ली वापिस लौट आए हैं। लेकिन NIA टीम के बाकी सदस्यों ने जांच पड़ताल के लिए अभी भी श्रीनगर में डेरा डाला हुआ है। 

आतंकियों के ठिकानें
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दविंदर सिंह ने न केवल श्रीनगर के  इंदिरानगर के घर पर आतंकियों के रहने का इंतजाम किया था बल्कि चानपोरा और सनत नगर जैसे इलाकों में भी कई घरों में रहने की व्यवस्था कर रखी थी। पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ है कि डीएसपी आतंकियों को छुपाने के लिए गुलशन नगर में स्थित एक डॉक्टर के घर का भी इस्तेमाल करता था।

ट्रक चोरी
वहीं साल 1997 में दविंदर ने अमूल बटर का एक ट्रक चोरी किया था। यह ट्रक उस वक्त के जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री रहे गुलाम मोहिदिन शाह के परिवार का था। इस मामले में पुलिस ने केस भी दर्ज किया था। परंतु उस वक्त डीएसपी दविंदर सिंह को उसी के बड़े अधिकारी ने बचा लिया था।

DSP सिंह रिश्वत के आरोप में हुआ था सस्पेंड
दविंदर सिंह को लेकर एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है कि साल 1992 दक्षिण कश्मीर में ट्रक में ड्रग्स की एक बड़ी खेप बरामद करने के साथ-साथ आरोपी को गिरफ्तार किया था। बाद में आरोपी से पैसे लेकर और ड्रग्स को बेचकर उसने मामले को बंद कर दिया था। फिर इस मामले की जांच होने के बाद डीएसपी दविंदर सिंह को निष्कासित कर दिया गया, हालांकि सिंह ने बाद में माफी मांग ली और उसे फिर से बहाल कर दिया।  

rajesh kumar

Advertising