यमुना की साफ-सफाई को लेकर NGT ने केंद्र सरकार पर लगाया जुर्माना

punjabkesari.in Wednesday, Aug 23, 2017 - 05:29 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने यमुना नदी के पुनर्जीवन और पुनरोद्धार पर स्थिति रिपोर्ट नहीं सौंपने को लेकर केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। एनजीटी के अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार ने यह आदेश उस वक्त पारित किया जब पर्यावरण मंत्रालय और दिल्ली सरकार के वकील पीठ के सामने हाजिर नहीं हुए और कोई रिपोर्ट रिकॉर्ड पर नहीं रखी गई।

50,000 रुपए का देना होगा जुर्माना
पीठ ने कहा कि एनसीटी दिल्ली और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की तरफ से कोई मौजूद नहीं है और उनकी ओर से कोई स्थिति रिपोर्ट दाखिल नहीं की गई है। 8 अगस्त, 2017 के हमारे आदेश पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत थी। इन दोनों को जुर्माने के तौर पर 50,000 रुपए देने होंगे। इस मामले के एक हफ्ते में निपटारे के लिए इसे सूचीबद्ध करें। मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को होग। अधिकरण ने पहले हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से कहा था कि वे यमुना नदी के पुनर्जीवन एवं पुनरोद्धार पर तीन हफ्ते के भीतर विस्तृत रिपोर्ट सौंपें।

यमुना में प्रदूषण गंभीर चिंता का विषय
एनजीटी ने कहा था कि यमुना में प्रदूषण गंभीर ङ्क्षचता का विषय है, क्योंकि औद्योगिक कचरों और नालों से यह बहुत प्रदूषित हो चुकी है ।   एनजीटी ने हरियाणा एवं हिमाचल प्रदेश के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को भी निर्देश दिया था कि वे उस ङ्क्षबदु पर यमुना के जल की गुणवत्ता और उसके प्रवाह पर संयुक्त तौर पर एक अध्ययन करें जहां यह हरियाणा में प्रवेश करती है। एनजीटी ने उन्हें नदी के जलग्रहण क्षेत्र में स्थित उद्योगों की सूची सौंपने के लिए भी कहा था। अधिकरण ने पहले यमुना के डूब क्षेत्र में कचरा फेंकने और खुले में शौच करने पर पाबंदी लगा दी थी और आदेश का उल्लंघन करते पाए जाने पर दोषी व्यक्ति पर 5,000 रुपए का जुर्माना (पर्यावरण मुआवजा) लगाने की घोषणा की थी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Recommended News

Related News