कोविशील्ड और कोवैक्सीन लेने वालों के लिए सामने आई बड़ी खबर!

Tuesday, Sep 14, 2021 - 10:50 AM (IST)

नई दिल्ली- कोरोना वायरस को हराने के लिए तैयार की गई वैक्सीन को लेकर आए दिन नई-नई खबरें सामने आती रहती हैं। इसी बीच कोविशील्ड और कोवैक्सीन को लेकर एक बड़ी स्टडी सामने आई हैं। दरअसल, कोविशील्ड का डोज लेने वालों में एंटीबॉडी का स्तर 3 महीनों बाद कम होने लगता है।

इस बात की जानकारी इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के भुवनेश्वर स्थित रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर की स्टडी में मिली है। एक इंटरव्यू के दौरान ICMR-RMRC के वैज्ञानिक डॉक्टर देवदत्त भट्टाचार्य ने बताया कि स्टडी के लिए 614 प्रतिभागियों के सैंपल इकट्ठे किए गए थे। इनमें से 308 प्रतिभागी यानि 50.2 फीसदी ने कोविशील्ड प्राप्त की थी, तो वहीं 306 यानि 49.8 फीसदी प्रतिभागियों को कोवैक्सीन लगी थी। इस पर उन्होंने जानकारी दी कि इस दौरान ब्रेकथ्रू इंफेक्शन (वैक्सीन लेने के बाद भी संक्रमण) के कुल 81 मामले सामने आए है।

स्टडी के अनुसार, बचे हुए 533 स्वास्थ्यकर्मियों में एंटीबॉडीज के स्तर में काफी गिरावट देखी गई। हालांकि इन कर्मियों में टीकाकरण से पहले कोई संक्रमण नहीं देखा गया था। डॉक्टर भट्टाचार्य ने जानकारी दी है कि वे एंटीबॉडी के बने रहने की जानकारी हासिल करने के लिए करीब 2 साल तक स्टडी करने का प्लान बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमने पाया कि कोवैक्सीन की डोज लेने वालों में एंटीबॉडी का स्तर पूर्ण टीकाकरण के दो महीनों बाद कम होने लगता है, जबकि, कोविशील्ड
 लेने वालों में यह अवधि 3 महीने है। बता दें कि यह स्टडी IgG का पता लगाने के लिए की गई थी। 

क्या है IgG?
IgG यानि Immunoglobulin G इसे सबसे आम एंटीबॉडी कहा जाता है। स्टडी में शामिल प्रतिभागियों के पहला डोज प्राप्त करने के बाद 24 हफ्तों तक टाइट्रे समेत कई जानकारियां रिकॉर्ड की गईं।

Anu Malhotra

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