ऐसे उठा PNB महाघोटाले से पर्दा, अफसर रिटायर न होता तो नहीं खुलता राज

Thursday, Feb 15, 2018 - 02:48 PM (IST)

नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करीब 11,420 करोड़ रुपए (177 करोड़ डॉलर) के फर्जी तथा अनधिकृत लेनदेन का मामला सामने आने के बाद देशभर में इसको लेकर चर्चा शुरू हो गई है। राजनीतिक गलियारे तक इसकी आंच पहुंच गई है और इसको लेकर पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्योप शुरू हो गए हैं। वहीं महाघोटाले का यह राज एक राज ही बनकर रह जाता अगर बेंक का यह अफसर रिटायर्ड नहीं होता।

नव नियुक्त अफसर ने खोला राज
दरअसल इस घोटाले का खुलासा नव नियुक्त अफसर ने किया जो रिटायर हुए फॉरेक्स डिपार्टमेंट के अधिकारी की जगह आए हैं। इस घोटाले में बैंक के दो कर्मचारियों का भी हाथ बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इन कर्मचारियों ने घोटाले के लिए 'स्विफ्ट' का इस्तेमाल किया। 'स्विफ्ट' के जरिए दोनों रोजाना की बैंकिंग ट्रांजैक्शंस को प्रॉसेस करने वाले कोर बैंकिंग सिस्टम (CBS) को चकमा दे गए। वहीं जब नव-नियुक्त अफसर ने बैंक के सारे रिकार्ड्स चैक किए तो उनके होश उड़ गए क्योंकि बैंक रिकॉर्ड में करोड़ों के लोन और लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का कोई जिक्र नहीं था। बैंक अधिकारी ने इसकी शिकायत सीबीआई से की। सीबीआई ने जांच की तो पता चला कि मार्च 2010 से बैंक के फॉरेक्स डिपार्टमेंट में कार्यरत डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी ने मनोज खरात नाम के एक अन्य बैंक अधिकारी के साथ मिलकर विदेशी कंपनियों को फर्जी तरीके से एलओयू दिया। इतना ही नहीं इस घोटाले से बचने के लिए उन्होंने इसकी एंट्री भी नहीं की। इन्हीं जाली LoU के आधार पर एक्सिस और इलाहाबाद जैसे बैंकों की विदेशी शाखाओं ने भी बैंक को डॉलर में लोन दिए थे। इन डॉलर लोन का इस्तेमाल बैंक के नोस्ट्रो अकाउंट्स की फंडिंग के लिए किया गया।

क्या है 'स्विफ्ट'
'स्विफ्ट' ग्लोबल फाइनेंशियल मैसेजिंग सर्विस है, इसका इस्तेमाल प्रत्येक घंटे लाखों डॉलर को भेजने के लिए किया जाता है। बैंक अधिकारियों ने 'स्विफ्ट' के जरिए यह महाघोटाला किया। 'स्विफ्ट' से जुड़े मैसेज पीएनबी के पिनैकल सॉफ्टवेयर सिस्टम में तत्काल ट्रैक नहीं होते हैं क्योंकि ये बैंक के CBS में एंट्री किए बिना जारी किए जाते हैं। इसी का फायदा कर्मचारियों ने उठाया और करोड़ों का लेन-देन किया।

Advertising