जयललिता मौत मामले में नया मोड़, पुलिस ने ही बंद करवाए थे अस्पताल के CCTV कैमरे

Sunday, Oct 07, 2018 - 06:02 PM (IST)

नेशनल डेस्क: तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे जयललिता की मौत की वजह स्पष्ट नहीं हो पाई है। अब एक के बाद एक इस मामले को लेकर खुलासे हो रहे हैं। अपोलो अस्पताल के अनुसार पुलिस के निर्देश पर ही सीसीटीवी कैमरे बंद किए गए थे। जयललिता की मौत की जांच कर रहे अरुमुगास्वामी कमिशन को अपोलो अस्पताल प्रबंधन ने 5 पन्नो का एफिडेविट सौंपा है। 

एफिडेविट में कहा गया कि जयललिता को रूम से बाहर निकालने के दौरान कॉरिडोर के सभी सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते थे। उनके कमरे में वापस लौटने के बाद ही सीसीटीवी कैमरे दोबारा चालू किए जाते थे। कानूनी प्रबंधक एस एम मोहन कुमार ने अस्पताल की ओर से एक हलफनामे में न्यायमूर्ति ए अरूमुगास्वामी जांच आयोग को अवगत कराया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनाये जाने वाले चलन को देखते हुए अस्पताल में उपचार कक्ष, आईसीयू या सीसीयू में सीसीटीवी कैमरा नहीं है। 

वहीं, जयललिता के स्वास्थ्य को लेकर 23 सितंबर 2016 को जारी की गई पहली प्रेस रिलीज के संबंध में अस्पताल का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री भी इसे तैयार करने में शामिल रही थीं। अस्पताल के मुताबिक, जयललिता इस बात को लेकर चिंतित थीं कि उनके स्वास्थ्य को लेकर जो भी खबर बाहर जाए, उससे लोगों में किसी तरह की दहशत न फैले। प्रेस विज्ञप्ति जारी करने से पहले तत्कालीन स्वास्थ्य सचिव जे राधाकृष्णन और मुख्य सचिव रामा मोहन राव की मंजूरी ली गई थी। जयललिता की मौत 5 दिसंबर 2016 को हुई थी और वह करीब 75 दिन यहां भर्ती रही थी। उनके इलाज पर उठे सवालों के बाद जांच के लिए समिति का गठन किया गया था।
 

vasudha

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