दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए नई नीति, कोयला और लकड़ी जलाने पर भी लगेगा बैन

Thursday, Jul 14, 2022 - 01:56 PM (IST)

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण (air pollution) को नियंत्रित करने के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (caqm) ने बुधवार को एक नई नीति जारी की जिसमें इस समस्या से निपटने के लिए अगले पांच वर्षों के दौरान क्षेत्रवार कार्य योजनाओं की सूची दी गई है। तत्काल प्रभाव से लागू इस नीति के अनुसार दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित सभी ताप विद्युत संयंत्रों को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा निर्धारित समय सीमा के अनुसार उत्सर्जन मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा।

 

इस नीति के मुताबिक 31 दिसंबर, 2024 तक गुरुग्राम, फरीदाबाद, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद में डीजल से चलने वाले ऑटो-रिक्शा को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा जबकि 31 दिसंबर, 2026 तक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के शेष जिलों में भी चरणबद्ध तरीके से इस प्रकार के ऑटो-रिक्शा को हटाया जाएगा। एनसीआर में एक जनवरी, 2023 से केवल संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) और इलेक्ट्रिक ऑटो का ही पंजीकरण होगा।  

 

सीएक्यूएम की ओर से संशोधित ग्रैप के तहत अब दिल्ली-एनसीआर में चलने वाले होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालय में पकने वाले तंदूर में कोयले के इस्तेमाल और लकड़ी जलाने पर प्रतिबंध की सिफारिश की गई है। इसमें डीजल जनरेटरों, पटाखे फोड़ने से निपटने के लिए हरियाली व पौधरोपण करने की बात की गई है। सीएक्यूएम के मुताबिक, जैसे-जैसे दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर चरण एक से दो, तीन और चार तक बढ़ेगा, वैसे-वैसे कई प्रतिबंध लागू किए जाएंगे।

Seema Sharma

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