New Labour Codes: नौकरी जाने के बाद कर्मचारियों को मिलेगा डबल पैसा, सरकार ने कर दिया ये खास इंतज़ाम!
punjabkesari.in Wednesday, Nov 26, 2025 - 04:18 PM (IST)
नेशनल डेस्क: केंद्र सरकार ने देश में 21 नवंबर 2025 से 4 नए श्रम कोड लागू कर दिए गए हैं। इन कोड्स में कर्मचारियों के वेतन, ग्रेच्युटी और पीएफ से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव हुए हैं। मगर एक ऐसा प्रावधान भी है, जो नौकरी जाने के बाद कर्मचारियों को सबसे ज़्यादा स्पोर्ट देगा—यह है 'री-स्किलिंग फंड' (Re-skilling Fund)। नया लेबर कोड छंटनी के तहत नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को अब दो चीज़ें सुनिश्चित करेगा:
1. छंटनी मुआवजा: यह पुराना मुआवजा है जो पहले भी मिलता था।
2. री-स्किलिंग फंड: यह अतिरिक्त पैसा है, जो कर्मचारी को New Skills सीखने और जल्द ही दूसरी नौकरी ढूंढने में मदद करेगा।
री-स्किलिंग फंड कैसे करेगा काम?
यह नया प्रावधान जो Industrial Relations Code, 2020 का हिस्सा है और कंपनियों के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। यह पैसा कंपनियों या औद्योगिक संस्थानों को देना होगा। निकाले गए हर कर्मचारी के लिए कंपनी को 15 दिनों का आखिरी निकाला गया वेतन इस फंड में जमा करना होगा। (यह छंटनी मुआवजे से अलग होगा।) इस पैसे का इस्तेमाल छंटनी वाले कर्मचारी को नई ट्रेनिंग (प्रशिक्षण) देने के लिए किया जाएगा। छंटनी होने के 45 दिनों के भीतर यह पैसा सीधे कर्मचारी के बैंक खाते में जमा कर दिया जाएगा।
सरकार का मानना है कि ऑटोमेशन और टेक्नोलॉजी की वजह से आजकल नौकरियाँ तेज़ी से बदलती या ख़त्म हो जाती हैं। इसलिए सिर्फ़ एक बार मुआवजा देने से काम नहीं चलेगा, कर्मचारी को बाज़ार की ज़रूरत के हिसाब से नई स्किल सीखने के लिए अतिरिक्त वित्तीय मदद चाहिए।
किसी नौकरी में छंटनी का अर्थ क्या होता है?
कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार छंटनी का मोटे तौर पर मतलब है अनुशासनात्मक कार्रवाई के अलावा किसी भी कारण से नौकरी खत्म करना। यह कंपनी की लागत कम करने, रीस्ट्रक्चरिंग, नई टेक्नोलॉजी लाने या किसी विभाग का आकार कम करने की ज़रूरत के कारण होती है। यह कर्मचारी के दुर्व्यवहार या खराब प्रदर्शन की सज़ा नहीं होती है। Employer को अब छंटनी मुआवजे (हर साल की सर्विस के लिए 15 दिन का औसत वेतन) के अलावा 15 दिन की आखिरी निकाली गई सैलरी के रूप में अतिरिक्त योगदान री-स्किलिंग फंड में देना होगा, जिसे 45 दिनों के भीतर श्रमिक को जमा करना है।
विशेषज्ञों ने साफ किया है कि यह री-स्किलिंग फंड, पुराने छंटनी मुआवज़े को न तो बदलता है, न कम करता है और न ही उसका हिस्सा बनता है।
