भारत के खिलाफ चीन का एक और दावः अब भूटान को बनाया मोहरा, छेड़ा नया विवाद

Tuesday, Jul 07, 2020 - 12:33 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः अपनी हेकड़ी दिखाने के लिए चीन भारत सहित पड़ोसी देशों में साम-दाम-दंड-भेद की रणनीति अपना रहा है। भारत के साथ सीमा विवाद के बीच लद्दाख में गलवान घाटी से कदम हटाना चीन को रास नहीं आ रहा है। भारत की इस रणनीतिक जीत से बौखलाया चीन अब भारत के खिलाफ नया दाव चल रहा है। नेपाल और श्रीलंका को भारत से दूर ले जाने की रणनीति के बाद चीन ने भूटान को मोहरा बनाया है व नया विवाद खड़ा कर दिया है। चीन अब भूटान के भू-भाग पर भी कब्जा जमाने की कोशिश कर रहा है।

बीजिंग ने पूर्वी भूटान में स्थित साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर अपना दावा किया है। नई दिल्ली स्थित भूटान के दूतावास ने चीन के दावे को लेकर डिमार्च (विरोध पत्र) जारी किया है। भूटान और चीन के औपचारिक कूटनीतिक संबंध नहीं हैं लेकिन सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों में बातचीत होती रही है। भूटान के पश्चिमी और मध्य क्षेत्र को लेकर चीन के साथ सीमा विवाद रहा है लेकिन भूटान के पूर्वी सेक्टर को लेकर कभी कोई विवाद नहीं रहा है।

चीन ने इससे पहले साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर दावा पेश नहीं किया था। कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए ऐसा कर रहा है। हाल ही में हुई वैश्विक पर्यावरण सुविधा परिषद (Global Environment Facility Council) की 58वीं बैठक में चीन ने पहली बार इस इलाके पर अपना दावा पेश किया।चीन ने कहा कि साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य विवादित क्षेत्र है। चीन ने इसके साथ ही साकतेंग परियोजना के लिए फंडिंग का भी विरोध किया था। चीन ने कहा कि साकतेंग वन्यजीव अभयारण्य विवादित क्षेत्र है। चीन ने इसके साथ ही साकतेंग परियोजना के लिए फंडिंग का भी विरोध किया था।

भूटान ने इसे लेकर चीन के सामने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई। भूटान ने कहा है कि साकतेंग अभयारण्य भूटान का संप्रभु और अखंड हिस्सा है। हालांकि, भूटान के विरोध के बावजूद चीन के विदेश मंत्रालय ने शनिवार को अपना दावा फिर से दोहराया। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भूटान के साथ ईस्टर्न, सेंट्रल और वेस्टर्न सेक्टर को लेकर बहुत लंबे समय से सीमा विवाद रहा है. भारत की तरफ इशारा करते हुए चीन ने कहा कि भूटान-चीन के सीमा विवाद में तीसरे पक्ष को अंगुली उठाने का कोई हक नहीं है।

Tanuja

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