कोरोना फाइटर दवा के लिए भारत पर निर्भर नेपाल

Wednesday, Aug 19, 2020 - 03:59 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः पूरी दुनिया कोरोना वायरस का प्रकोप झेल रही है। विश्व भर के वैज्ञानिक कोरोना वैक्सीन बनाने की कोशिश में लगे हैं। इस बीच रूस और चीन ने सबसे पहले वैक्सीन बनाने का दावा कर इसे बाजार में उतारने का ऐेलान भी कर दिया है। लेकिन इस मामले में नेपाल को अपने हितैषी चीन का साथ न मिलने पर भारतीय बाजार में मिलने वाली जीवन रक्षक रेमडेसिवीर दवा पर निर्भर होना पड़ रहा है। जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक इस दवा का उपयोग पूरी दुनिया कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल कर रही है।

 

हालांकि, दवा को वायरस के इलाज के रूप में नहीं देखा जाता है, लेकिन इसने रोगियों को एक महत्वपूर्ण चिकित्सा चरण से बाहर लाने में अहम भूमिका निभाई है। काठमांडू के एक निजी अस्पताल में भर्ती मरीज के लिए केमिस्ट से रेमडेसिवीर दवा मांगी गई तो वह नेपाल में उपलब्ध नहीं थी। इसके बाद केमिस्ट ने भारत में संपर्क किया और रेमडेसिवीर दवा का ऑर्डर दिया। केमिस्ट ने भारत से वह दवा मंगाई और अब वह खतरे से बाहर है। अगर दवा भारत में उपलब्ध नहीं होती, तो स्थिति चिंताजनक हो सकती थी। भारत में यह दवा सात हजार रुपये में उपलब्ध है, जो मरीज को 20 हजार नेपाली रुपए में पड़ी।

 

नेपाल सरकार ने भारत और अमेरिका सहित विदेशों से दवा की खरीद के लिए तीन कंपनियों को अनुमति दी है। वायरस विशेषज्ञ डॉ. प्रभात अधिकारी ने कहा कि अगर हम इसे बड़ी मात्रा में आयात कर सकते हैं तो कोविड-19 के संक्रमण से जंग लड़ रहे रोगियों के रिश्तेदारों को अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करने की आवश्यकता नहीं होगी। आशा है, दवा भारत और अमेरिका से जल्द से जल्द आयात की जाएगी।

Tanuja

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