ऑफ द रिकॉर्डः शिलान्यास समारोह में न तो उद्धव को आमंत्रण, न किसी और मुख्यमंत्री को

Wednesday, Jul 29, 2020 - 04:44 AM (IST)

नेशनल डेस्कः 5 अगस्त को होने वाले राममंदिर शिलान्यास समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शामिल होने को लेकर अटकलों को विराम लग गया है। यह स्पष्ट हो गया है कि उन्हें समारोह में आमंत्रित नहीं किया गया है। यह भी साफ हो गया है कि शिवसेना प्रमुख, जिनकी पार्टी शिवसेना ने 30 साल पहले रामजन्मभूमि मंदिर आंदोलन में महती भूमिका निभाई थी, को नजरंदाज कर दिया गया है। 

चूंकि संघ परिवार इस अवसर पर किसी प्रकार की खींचतान या खटास नहीं चाहता, इसलिए इस समारोह में किसी अन्य राज्य के मुख्यमंत्री को भी आमंत्रित नहीं किया गया है। न केवल उद्धव ठाकरे बल्कि भाजपा-शासित 12 राज्यों तथा 6 सहयोगी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी समारोह में शामिल होने का अवसर नहीं मिल पाएगा। इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने पुष्टि करते हुए कहा कि शिलान्यास समारोह में चुनिंदा लोग ही बुलाए गए हैं। 

उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने पिछले दिनों सुझाव दिया था कि शिलान्यास समारोह वीडियो कांफ्रैंसिंग से किया जाना चाहिए, उनके बयान से विश्व ङ्क्षहदू परिषद बहुत आहत है। उन्होंने साफ किया कि उद्धव को आमंत्रित न करने के पीछे उनका यह बयान नहीं है। यह नीतिगत फैसला है कि कोविड महामारी के मद्देनजर किसी भी मुख्यमंत्री को आमंत्रण नहीं भेजा गया है, परंतु उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समारोह में जरूर शामिल रहेंगे। रामजन्मभूमि न्यास ने किसी राज्यपाल को भी समारोह में आमंत्रित नहीं किया है। 

उद्धव ठाकरे के 5 अगस्त के समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या आने को लेकर खूब राजनीतिक चर्चा व अनिश्चितता थी लेकिन अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। न्यास व विहिप शिवसेना नेता से नाराज हैं। उनका कहना है कि उद्धव का वीडियो कांफ्रैंसिंग वाला बयान केवल उनके अंधविरोध को दिखाता है तथा उन्हें अफसोस है कि शिवसेना उस स्तर से कितना नीचे गिर गई है जब उसका नेतृत्व बाला साहिब ठाकरे किया करते थे।  

Pardeep

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