पड़ोसी मुल्क को भारी पड़ेगा भारत से व्यापारिक रिश्ते तोड़ना

Thursday, Aug 08, 2019 - 05:54 AM (IST)

जालंधर (नरेश कुमार): केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट पारित किए जाने के फैसले के बाद पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यापारिक रिश्ते तोडऩे का खामियाजा पाकिस्तान को ही बढ़ती महंगाई के रूप में भुगतना पड़ सकता है। पाकिस्तान जरूरत की अधिकतर खाद्य सामग्री भारत से खरीदता है और भारत से व्यापर बंद होने के चलते उसे अब अन्य देशों से आयत पर करना होगा और पाकिस्तान को अन्य देशों से आयात भारत के मुकाबले कहीं महंगा पड़ेगा क्योंकि भारत से वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान को भेजे जाने वाले सामान पर ट्रांसपोर्ट का खर्च एक रूपए प्रति किलो से भी कम पड़ता है। 


पुलवामा हमले के बाद भारत द्वार पाकिस्तान से मोस्ट फेवरेट नेशन का दर्जा वापस लिए जाने और पाकिस्तानी वस्तुओं के आयत पर 200 फीसदी ड्यूटी लगाई जाने के बाद पाकिस्तान से भारत को होने वाला आयात लगभग खत्म हो गया था लेकिन भारत से पाकिस्तान को निर्यात जारी था और खाद्य सामग्री को लेकर पाकिस्तान भारत पर ही निर्भर था लेकिन अब भारत से आपूर्ति बंद होने से पाकिस्तान पर महंगाई की तलवार लटक जाएगी।


व्यापारियों को पेमेंट फंसने की चिंता

पाकिस्तान द्वारा भारत से व्यापारिक रिश्ते तोडऩे के बाद पडोसी देश के साथ व्यापार करने वाले कारोबारियों को अब पाकिस्तान के व्यापारियों के पास अपनी पेमेंट फंसने की चिंता सताने लगी है। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत की तरफ से भेजे गए समान की कंसाइनमेंट वाघा सीमा पर पाकिस्तान की तरफ पहुंच गयी हैं और कई कंसाइनमेंट रास्ते में हैं और कल तक जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद पाकिस्तानी व्यापारियों को पहुंचेंगी। व्यापारियों का काम क्रेडिट पर होता है और यदि समान ग्राहक को मिलता रहे तो पेमेंट का सिलसिला चलता रहता है लेकिन समान की आपूर्ति बंद होने पर कारोबारियों की पेमेंट फंसने का खतरा मंडराने लगा है। इस बीच दुबई में कारोबार करने वाले कुछ कारोबारी अब दुबई मार्ग से भी पाकिस्तान को समान भेजने की संभावनाएं तलाशने में जुटेंगे।


हमारी सरकार ने जो फैसला लिया है हम उसके साथ :राजेश सेतिया 

महासचिव अमृतसर एक्सपोर्टर्स चैंबर आफ कॉमर्स राजेश सेतिया ने कहा कि हमारी सरकार ने कश्मीर के मुद्दे पर जो स्टेण्ड लिया है हम उसके साथ हैं और रहेंगे बहुत व्यापारिक घाटे की इस मामले में हमें चिंता नहीं है। इस से मोटे तौर पर पाकिस्तान को ही नुकसान होगा क्योंकि अब पाकिस्तान जिस भी देश से समान खरीदेगा उसे भारत के मुकाबले महंगा ही मिलेगा। भले ही वह श्रीलंका से खरीदे ,चीन से या फिर दुबई से ,भारत के मुकाबले खाने वाला सामान सस्ता और अच्छा पाकिस्तान को कहीं नहीं मिल सकता। हालांकि थोड़ा-बहुत नुकसान व्यापारिक तौर पर होगा लेकिन हम और बेहतर विकल्प तलाश सकते हैं।


पाकिस्तान को होगा ज्यादा नुकसान: राजदीप उप्पल
इंटरनैशनल चैंबर ऑफ कामर्स के प्रैजीडैंट राजदीप उप्पल ने इस विषय पर बात करते हुए कहा कि फिलहाल हमें पाकिस्तान के पूरी नीति देखनी पड़ेगी क्योंकि वाघा सीमा के जरिए पाकिस्तान के अलावा अफगानिस्तान का ट्रेड भी होता है। ऐसे में यह देखना होगा कि क्या पाकिस्तान अब अफगानिस्तान से आने वाले समान के लिए अपने संपर्क मार्ग की इस्तेमाल की इजाजत देता है या नहीं। फिलहाल पाकिस्तान के साथ आयात लगभग ठप ही था लेकिन हम लोग पाकिस्तान को निर्यात कर रहे थे इस से पाकिस्तान को भी नुकसान होगा। हालांकि पाकिस्तान का यह फैसला दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि कश्मीर पर फैसला भारत का आंतरिक मामला है और इस मामले में पाकिस्तान को इस तरीके से प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए थी।


भारत से पाकिस्तान को निर्यात

2014-15-1857 मिलियन डालर
2015-16 -2171 मिलियन डालर
2016-17 1821 मिलियन  डालर
2017-18 -1924 मिलियन डालर
2018-19 2066 मिलियन डालर
इस साल अप्रैल-जून-452 मिलियन डालर

पाकिस्तान से आयात
2014-15 497. 31 मिलियन डालर
2015-16 -441.03 मिलियन डालर
2016-17 -454.49 मिलियन डालर
2017-18-488.56 मिलियन डालर
2018-19- 494.87 मिलियन डालर
अप्रैल-जून -7.13 मिलियन डालर 

Naresh Kumar

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