NEET: TOP 10 में आए मनीष ने बताया सफलता का राज, सोशल साइट्स से की तौबा

Saturday, Jun 24, 2017 - 11:59 AM (IST)

इंदौर: एमबीबीएस और बीडीएस पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) में देश भर में शीर्ष तीसरा स्थान हासिल करने वाले मनीष मूलचंदानी का कहना है कि डॉक्टरों को समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति से इंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि इन इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की सख्त जरूरत है।

मनीष ने कहा, डॉक्टरों पर समाज की बड़ी जिम्मेदारी है। इस जिम्मेदारी के कारण डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में नियुक्ति से मना नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे सहर्ष स्वीकारना चाहिए। गांवों में डॉक्टरों की सख्त जरूरत है।

ऐसे हासिल की सफलता
17 साल का यह नौजवान हमेशा से डॉक्टर बनना चाहता था और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए वह मौज-मस्ती की उस  दुनिया से पिछले दो साल से एकदम कटा हुआ था, जिसमें उसकी उम्र के ज्यादातर युवा विचरना पसंद करते हैं। उन्होंने कहा कि मैंने फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट से तौबा कर ली थी। रिश्तेदारों से मिलना-जुलना कम कर दिया था, पिछले दो साल में मैंने केवल दो फिल्में देखी हैं।

मनीष ने अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की मई में आयोजित एमबीबीएस प्रवेश परीक्षा में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर10वीं रैंक हासिल किया था। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मैं दिल्ली के एम्स में दाखिला लेना चाहूंगा। मेरा लक्ष्य शुरू से यही था।

यह भी कमाल का संयोग है कि नीट में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंक हासिल करने वाले अर्चित गुप्ता और मनीष मूलचंदानी दोस्त हैं और दोनों होनहार इंदौर से ही ताल्लुक रखते हैं।

Advertising