रात होते ही दिल्ली में 'मौत' बनकर दौड़ रही है ये बाइक, डर के साए में लोग

Monday, Dec 02, 2019 - 01:05 PM (IST)

नई दिल्ली: कई बार अच्छी योजनाएं भी लोगों की खुरापात के चलते जानलेवा साबित हो जाती हैं। ऐसा ही नजारा आजकल नई दिल्ली इलाके में देखने को मिल रहा है। जहां दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा अपने उपयोगकर्ताओं के लिए अंतिम मील कनेक्टिविटी बढ़ाने की योजना के लिए साइकिल शेयरिंग सिस्टम सेटअप किया गया है, जिसका नाजायज फायदा उठाते युवा देर शाम से ही इन ई-बाइक को 60 रुपए प्रति घंटे किराए पर लेकर तेज स्पीड में दौड़ाते दिखाई दे जाते हैं। कई बार इन ई-बाइक सवारों के चलते लोगों के साथ दुर्घटना भी होते-होते बच गई है। 


एक प्रकार की छोटी साइकिल है यह ई-बाइक
बता दें कि डीएमआरसी द्वारा अपने कुल 9 मेट्रो स्टेशनों पर युलू के साथ साझेदारी कर इलेक्ट्रिक बाइक को शेयरिंग सिस्टम के तहत शुरू किया है। दिल्ली में फिलहाल 9 स्थानों पर 40 युलू क्षेत्रों में करीब 250 इलेक्ट्रिक बाइकों को तैनात किया गया है जिनकी संख्या साल के अंत तक 5 हजार व साल 2020 में 25 हजार तक करने का टारगेट है। यह ई-बाइक एक प्रकार की छोटी साइकिल है, जिसमें मोटर लगी हुई है जोकि ई-साइकिल में बेहद तेज गति है, इसीलिए इसे ई-बाइक का नाम दिया गया है। इसमें मोटर लगी हुई है और ये पैडल से चालित नहीं है। इसके संचालन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होने की वजह से इसका फायदा युवा उठा रहे हैं। खासकर इंडिया गेट, मंडी हाऊस, प्रगति मैदान सहित नई दिल्ली के इलाकों में इसे रात होते ही तेज गति से चलाते हुए देखा जा सकता है।


 एक वरिष्ठ नागरिक ने सुनाई आपबीती
 एक वरिष्ठ नागरिक मुन्नीलाल ने बताया कि वो अपनी स्कूटी से घर जा रहे थे इसी दौरान इंडिया गेट गोल चक्कर पर एक ई-बाइक बड़ी तेजी से उनके सामने से निकली, जिससे उनका बैलेंस बिगड़ गया। हालांकि किस्मत ने साथ दिया, जिससे ज्यादा चोट नहीं लगी। उन्होंने कहा कि साइकिल लेन न होने की वजह से ई-बाइक चालक भीड़-भाड़ के इलाकों में तेज गति के वाहनों के आगे-पीछे आसानी से इसे घुमाते हुए बड़े हादसों को दावत दे रहे हैं। इन्हें रोके जाने वा इनकी गति पर अंकुश लगाए जाने की बेहद जरूरत है।
 

ऐसे मिलती है किराए पर ई-बाइक 
 साइकिल लेने के लिए सिर्फ अपने स्मार्टफोन से युलू एप डाउनलोड करना होता है, जिसके बाद पंजीकरण प्रक्रिया प्रारंभ हो जाती है, जिसमें व्यक्ति की डिटेल मांगी जाती है, इस डिटेल को भरने के बाद प्रक्रिया पूरी हो जाती है और उपयोगकर्ता लॉग इन हो जाता है। जिसके बाद वो युलू जोन का दौरा कर सकता है। एप पर एक क्यूआर कोड का उपयोग करके युलू ई-बाइक अनलॉक हो जाती है, जिसके बाद लोग इसे आसानी से लेकर चलते बनते हैं।
 

Anil dev

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