पर्यावरण संरक्षण के लिए जन आंदोलन की जरूरत: NGT

Thursday, Jul 25, 2019 - 10:20 PM (IST)

नई दिल्ली: राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी)के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल ने गुरुवार को कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकारी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं,इसके लिए जन आंदोलन की आवश्यकता है। न्यायमूर्ति गोयल ने नौवें नानाजी देशमुख स्मृति व्याख्यान को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए सरकारी प्रयासों को नाकाफी बताते हुए जनांदोलन का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जनभागीदारी सुनिश्चित किए बिना सरकार इस चुनौती का सामना करने में सक्षम नहीं है।

न्यायमूर्ति गोयल दीनदयाल शोध संस्थान (डीआरआई) द्वारा पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन में समाज की भूमिका विषय पर आयोजित व्याख्यान को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने केंद्र सरकार के ‘स्वच्छ भारत अभियान'और ‘नमामि गंगे' का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने इस दिशा में काफी सकारात्मक कदम उठाए हैं ,लेकिन इसके वाबजूद भारत स्वच्छ नहीं हुआ है। उन्होंने हालांकि युवाओं को उद्योग लगाने में मदद के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई ‘स्टाटर्अप इंडिया' में कचरा साफ करने को तवज्जो दिए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने नानाजी देशमुख की रचनात्मक कार्यशैली को इसके लिए उपयोगी करार देते हुए कहा कि इस कार्य के लिए स्कूली बच्चों को जागरुक किया जाना चाहिए। पर्यावरण की रक्षा को समाज के प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य है। लोगों में जागृति के अभाव में यह जन आंदोलन नहीं बन पा रहा है। इसे केवल सरकार के भरोसे इसे छोड़ दिया गया है। 

न्यायमूति गोयल ने कहा कि नानाजी ने स्वयं ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट में दुर्लभ प्रजाति के पौधे लगाए थे जिन्हें आज भी वहां देखा जा सकता है। उन्होंने केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और विभिन्न गैर सरकारी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए प्रदूषण की भयावह स्थिति और इसके कारण फैल रही बीमारियों पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि विश्व रैंकिंग में भारत के 177 वें स्थान को चिंताजनक है। एनजीटी अध्यक्ष ने सवाल किया ,‘ आखिर हम पर्यावरण के मामले में 180 देशों में सबसे ऊपर क्यों नहीं हैं?' इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के अध्यक्ष वीरेंद्र जीत सिंह और महासचिव अतुल जैन भी मौजूद थे।

shukdev

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