ऑफ द रिकॉर्डः शोर मचाने वाले एन.डी.ए. ने बिहार चुनाव प्रचार में सुशांत को भुलाया

Thursday, Oct 22, 2020 - 05:00 AM (IST)

नई दिल्लीः बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मृत्यु को लेकर खूब शोर मचाने तथा तरह-तरह के आरोप लगाने के बाद भाजपा-जद(यू) गठबंधन इस मुद्दे पर पूरी तरह चुप्पी साध चुका है। केंद्र की मोदी सरकार को सी.बी.आई. जांच के लिए मजबूर करने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मुख से सुशांत की मौत को लेकर अब एक शब्द भी नहीं फूट रहा है। भाजपा ने भी पटना और दिल्ली में नीतीश के सुर से सुर मिलाते हुए तीन केंद्रीय एजैंसियों सी.बी.आई., प्रवर्तन निदेशालय (ई.डी.) व स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एन.सी.बी.) को सुशांत केस की जांच में लगा दिया। 

बिहार के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने पूरे मामले को राजनीतिक षड्यंत्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी और बाद में जद (यू) से टिकट की मांग करने लगे। इस समय बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार जोरों पर है परंतु एन.डी.ए. की राजनीतिक पार्टियों द्वारा सुशांत सिंह राजपूत के बारे में एक शब्द नहीं कहा जा रहा है। सबसे हैरानी की बात यह कि सुशांत के चचेरेभाई नीरज कुमार बबलू, जो सहरसा से भाजपा प्रत्याशी हैं, ने भी इसे चुनावी मुद्दा नहीं बनाया है। दूसरी तरफ राजपूत की मौत को मुंबई पुलिस ने आत्महत्या का एक साधारण-सा मामला माना था। 

एन.डी.ए. विरोधी पार्टियों ने दबे सुरों में सुशांत के खिलाफ यह खुसफुसाहट भरा अभियान चलाया था कि वह एक नशेड़ी था तथा उसके समुदाय के नेताओं ने उसके बारे में अलग ही धारणा बनाने की कोशिश की। खुद सुशांत का परिवार जो पिछले दिनों तक सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय था, वह भी शांत बैठ गया है। 

राजपूत की बहनें लापरवाही व गलत दवाइयां देने के मामले में पुलिस केस का सामना कर रही हैं। सुशांत समर्थकों का जोश उस समय ठंडा पड़ गया जब अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने फोरैंसिक रिपोर्ट में सुशांत की मौत को आत्महत्या ही बताया तथा सी.बी.आई. ने भी ‘जांच चल रही है’ कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया।  

Pardeep

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