Lok Sabha Elections 2024: एनडीए ने 293 सीटों पर बनाई बढ़त, प्रशांत किशोर ने बताई बीजेपी की हार की वजहें
punjabkesari.in Saturday, Jun 08, 2024 - 10:23 AM (IST)
नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आ चुके हैं और एनडीए गठबंधन ने 293 सीटों पर जीत हासिल करके केंद्र में सरकार बनाने की तैयारी कर ली है। वहीं, इंडिया गठबंधन ने 234 सीटों पर जीत दर्ज की है। यह नतीजे एग्जिट पोल के अनुमानों और चुनाव विश्लेषकों के आकलनों से काफी अलग हैं। इस दौरान एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने बीजेपी की सीटों में आई कमी के कारणों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी माना कि उनकी चुनावी भविष्यवाणी गलत साबित हुई। इस दौरान उन्होंने बीजेपी के '400 पार' के नारे का भी उल्लेख किया ।
400 पार का नारा अधूरा
प्रशांत किशोर ने बताया कि बीजेपी का '400 पार' का नारा अधूरा था। उन्होंने कहा, "इस नारे में कोई बुराई नहीं है, लेकिन यह अधूरा नारा है। '400 पार' तो है, लेकिन किस लिए? जैसे 2014 में नारा था 'बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार', जिसमें उद्देश्य स्पष्ट था कि मोदी सरकार क्यों चाहिए।"
अहंकार के तौर पर लिया गया नारा
किशोर ने आगे कहा कि '400 पार' के नारे को समाज ने अहंकार के तौर पर लिया, जिसे विपक्ष ने भुनाया। उन्होंने बताया कि इस नारे से बीजेपी को हर जगह नुकसान हुआ क्योंकि यह स्पष्ट नहीं था कि 400 पार क्यों।
कार्यकर्ताओं की नाराजगी
प्रशांत किशोर ने बताया कि बीजेपी की सबसे कमजोर कड़ी मोदी पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता है। उन्होंने कहा, "कार्यकर्ता ने सोचा कि 400 सीटें तो आ ही रही हैं, इसलिए सांसद को सबक सिखाना है। कई क्षेत्रों में कार्यकर्ता नाराज थे क्योंकि सांसद उन्हें भाव नहीं देते थे।"
विरोधियों का उद्देश्य स्पष्ट था
किशोर ने बताया कि बीजेपी समर्थकों को लगा कि जीत तो निश्चित है, जबकि विपक्षी दलों के पास स्पष्ट उद्देश्य था कि बीजेपी को रोकना है। वाराणसी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मोदी का वोट शेयर 2014 के मुकाबले सिर्फ 2 प्रतिशत कम हुआ, लेकिन विरोधियों का वोट शेयर बढ़ गया।
भविष्यवाणी गलत साबित हुई
प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि उनकी चुनावी भविष्यवाणी गलत साबित हुई। उन्होंने कहा, "हम मानते हैं कि हमारे नंबर गलत साबित हुए, लेकिन जो लोग कह रहे थे कि बीजेपी सिर्फ 180 सीटें जीतेगी, वो भी गलत साबित हुए।" किशोर ने बताया कि उन्हें ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। उन्होंने कहा, "हम जो कह रहे थे कि बीजेपी जीतेगी, गलत साबित हुआ। हमारा 20 प्रतिशत आकलन गलत हुआ, हमें ट्रोल किया जा रहा है।"
आंध्र प्रदेश का उदाहरण
प्रशांत किशोर ने आंध्र प्रदेश का उदाहरण देते हुए बताया कि वहां के नतीजे उनके और अन्य विश्लेषकों के अनुमान से बिल्कुल उलट थे। उन्होंने कहा, "लोग डर के कारण अपनी बात खुलकर नहीं रख पाते, जिससे डेटा अलग हो जाता है।" लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों ने राजनीतिक विश्लेषकों को एक बार फिर सोचने पर मजबूर कर दिया है और यह स्पष्ट कर दिया है कि भारतीय राजनीति में मतदाताओं का मनोविज्ञान कभी-कभी पूर्वानुमान से अलग हो सकता है।