NCERT का बड़ा फैसला, अब कक्षा 6 से 8 तक के विज्ञान पाठ्यक्रम में पढ़ाया जाएगा आयुर्वेद का पाठ
punjabkesari.in Thursday, Oct 30, 2025 - 02:44 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारतीय शिक्षा व्यवस्था में अब एक ऐसा बदलाव आने जा रहा है जो बच्चों की किताबों के साथ-साथ उनके जीवन-दृष्टिकोण को भी नया आकार देगा। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने फैसला किया है कि कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को विज्ञान की पढ़ाई में अब आयुर्वेद से जुड़ी जानकारी भी दी जाएगी। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के उस उद्देश्य से जुड़ी है, जो भारतीय ज्ञान-परंपरा और आधुनिक विज्ञान को एक सूत्र में जोड़ने की बात करती है।
स्वास्थ्य के प्रति वैज्ञानिक समझ पर ज़ोर
NCERT के निदेशक प्रो. दिनेश प्रसाद सकलानी का कहना है कि इस पहल का उद्देश्य केवल नई जानकारियां जोड़ना नहीं है, बल्कि बच्चों को मानसिक, शारीरिक और पर्यावरणीय संतुलन के महत्व से भी अवगत कराना है। नई पीढ़ी को यह समझाने की कोशिश की जाएगी कि सेहत केवल दवाओं से नहीं, बल्कि जीवनशैली और प्रकृति के साथ सामंजस्य से जुड़ी होती है।
क्या पढ़ेंगे बच्चे?
नई रूपरेखा के अनुसार, कक्षा 6 के विज्ञान पाठ्यक्रम में आयुर्वेद के बुनियादी सिद्धांत और 20 प्रमुख गुण शामिल किए जाएंगे। वहीं, कक्षा 8 के छात्रों को ‘दिनचर्या’ (Daily Routine), ‘ऋतुचर्या’ (Seasonal Discipline) और शरीर-मन के संतुलन जैसे विषयों पर अध्ययन कराया जाएगा। उद्देश्य यह है कि छात्र किताबों में ही नहीं, बल्कि अपने जीवन में भी इन सिद्धांतों को अपनाना सीखें।
वैज्ञानिक विरासत से जुड़ाव
यह कदम बच्चों को भारत की प्राचीन वैज्ञानिक धरोहर से जोड़ने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि आयुर्वेद केवल चिकित्सा नहीं, बल्कि एक ‘लाइफ-साइंस’ है, जो पर्यावरण, आहार और मानसिक स्वास्थ्य के गहरे संबंध को समझाता है।
उच्च शिक्षा में भी विस्तार
यह बदलाव सिर्फ स्कूलों तक सीमित नहीं रहेगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और आयुष मंत्रालय मिलकर जल्द ही कॉलेज और विश्वविद्यालय स्तर पर भी आयुर्वेद से जुड़े कोर्स शुरू करने की तैयारी में हैं। इसके लिए शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण और वर्कशॉप कराई जाएंगी ताकि वे नए विषयों को आधुनिक संदर्भ में पढ़ा सकें।
